नईदिल्ली : एलन मस्क की तरफ से ट्विटर को खरीदे जाने के बाद से ही उनकी और इस प्लेटफॉर्म की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। कर्मचारियों की छंटनी को लेकर पहले ही एक मुकदमे में घिरे ट्विटर के खिलाफ अब अदालत में एक और केस दर्ज हुआ है। इस बार मस्क की कंपनी पर बुजुर्गों को निशाना बनाकर छंटनी करने और उन्हें निकाले जाने के बाद 4 हजार 104 करोड़ रुपये (50 करोड़ डॉलर) का अलगाव भुगतान (सेवरेंस पे) न चुकाने का आरोप लगा है।
डेलावेयर फेडरल कोर्ट में दायर हुए मुकदमे में ट्विटर के पूर्व वरिष्ठ इंजीनियर क्रिस वुडफील्ड ने आरोप लगाया है कि मस्क की तरफ से ट्विटर को खरीदे जाने के बाद कंपनी ने छंटनी में बुजुर्ग कर्मचारियों को निशाना बनाया और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। गौरतलब है कि ट्विटर पर लगे तमाम आरोपों के बीच यह नया आरोप है। ट्विटर के खिलाफ इन मुकदमों में दावा किया गया है कि कंपनी ने अलगाव भुगतान न कर के कर्मचारी लाभ योजनाओं से जुड़े संघीय कानूनों का उल्लंघन किया है।
छंटनी के बाद भुगतान न किए जाने का आरोप
बताया गया है कि मुकदमा दर्ज करने वाले वुडफील्ड ट्विटर के सिएटल स्थित दफ्तर में काम करते थे। उनके मुताबिक, कंपनी ने छंटनी के बाद बार-बार अपने कर्मचारियों से कहा था कि उन्हें दो महीने की सैलरी और अन्य पेमेंट्स किए जाएंगे। लेकिन अब तक उन्हें और बाकी कर्मचारियों को यह राशि नहीं मिली है।
गौरतलब है कि मस्क ने पिछले साल अक्तूबर में ट्विटर को खरीदने के बाद कॉस्ट कटिंग से जुड़े कदमों के तहत कई कर्मचारियों की कंपनी से छुट्टी कर दी थी। कंपनी में अब कोई मीडिया रिलेशंस विभाग नहीं है। ट्विटर का कहना है कि छंटनी के बाद वह अपने सभी निकाले गए कर्मचारियों को पूरा भुगतान भी कर चुकी है। हालांकि, ट्विटर के खिलाफ पिछले हफ्ते कैलिफोर्निया फेडरल कोर्ट में भी एक मुकदमा दायर हुआ था, जिसमें पूर्व कर्मचारियों ने कहा था कि उन्हें भी करीब 4 हजार 104 करोड़ रुपये (50 करोड़ डॉलर) का अलगाव भुगतान नहीं हुआ है।
छंटनी के बाद से लग चुके हैं कई आरोप
ट्विटर पर इससे पहले भी अलग-अलग मुकदमों में गलत तरह से महिलाओं और दिव्यांग कर्मचारियों की छंटनी के आरोप लग चुके हैं। इसके अलावा निकाले जाने से पहले कर्मचारियों को एडवांस नोटिस न देना, बचे हुए कर्मियों को वादे के मुताबिक बोनस न देने जैसे आरोप भी लगाए गए हैं। हालांकि, ट्विटर ने इन आरोपों को खारिज किया है।