नईदिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (20 जुलाई) को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) से पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट देने का आधार बताने को कहा. अंडर-20 विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल और अंडर-23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल ने फोगाट और पुनिया के सीधे प्रवेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी.
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए खेल निकाय को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा. जस्टिस ने मामले को शुक्रवार (21 जुलाई) को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. कोर्ट ने कहा, “अगर यह (चयन का आधार) उचित और निष्पक्ष तरीका है तो मामला यहीं खत्म हो जाता है.” कोर्ट ने डब्ल्यूएफआई के वकील से यह बताने को कहा कि फोगाट और पुनिया के अच्छे खिलाड़ी होने के अलावा चयन का आधार क्या था.
पहलवानों ने किया निष्पक्ष चयन प्रक्रिया का अनुरोध
फोगाट (53 किलोग्राम) और पुनिया (65 किलोग्राम) को मंगलवार को भारतीय ओलंपिक संघ की एड-हॉक कमेटी एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश दिया गया, जबकि अन्य पहलवानों को 22 और 23 जुलाई को चयन ट्रायल के माध्यम से भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करनी होगी. पंघाल और कलकल ने छूट को चुनौती दी है और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया का अनुरोध किया है.
पहलवान विशाल कारमन ने भी जताई आपत्ति
बुधवार (19 जुलाई) पहलवान विशाल कालीरमन ने भी पहलवानों के सीधे प्रवेश पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा, “मैं भी अंडर 65kg कैटेगरी में खेलता हूं और एशियन गेम के लिए बजरंग पुनिया को ट्रायल के बिना ही डायरेक्ट एंट्री दे दी गई है. ये लोग लगभग एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि हम लागातार प्रैक्टिस कर रहे हैं. हम इनके भी ट्रायल की मांग करते हैं. हम कोई फेवर या लाभ नहीं चाहते हैं, लेकिन कम से कम ट्रायल तो करवाया जाना चाहिए वरना हम भी अदालत जाने के लिए तैयार हैं और हम कोर्ट में अपील करेंगे. हम 15 सालों से इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. अगर बजरंग पुनिया एशियन गेम्स में खेलने से इनकार करते हैं तो किसी और को मौका मिल सकेगा और वह एशियन गेम्स में खेल सकेगा.”