नईदिल्ली : मद्रास हाई कोर्ट ने बीआर आंबेडकर की तस्वीर को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु और पुडुचेरी की अदालतें केवल महात्मा गांधी और तमिल कवि-संत तिरुवल्लुवर के फोटो लगा सकती हैं. हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार-जनरल ने इस बारे में बीती 7 जुलाई को एक सर्कुलर जारी किया था.
कांचीपुरम के प्रधान जिला न्यायाधीश समेत सभी जिला अदालतों को सर्कुलर जारी कर निर्देश दिया कि वे अलंदुर में बार एसोसिएशन को अदालत परिसर के प्रवेश कक्ष से बीआर आंबेडकर के फोटो को हटाने के लिए कहें. दरअसल, कई अधिवक्ता संघों ने आंबेडकर और संबंधित संघ के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के फोटो का अनावरण करने की अनुमति मांगी है. 11 अप्रैल को आयोजित एक बैठक में, हाई कोर्ट की फुल बेंच ने ऐसे सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया था.
सर्कुलर में क्या कहा गया?
इस संबंध में सर्कुलर में पुराने आदेशों का जिक्र करते हुए बताया गया कि ये देखते हुए कि ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें राष्ट्रीय नेताओं की प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न स्थानों पर कानून और व्यवस्था की स्थिति भी पैदा हुई है. कोर्ट ने 2010 में भी अदालत परिसरों में किसी और प्रतिमा के निर्माण की अनुमति नहीं देने का संकल्प लिया था.
पिछले प्रस्तावों का किया जिक्र
सर्कुलर में कहा गया है कि इसी तरह, 27 अप्रैल 2013 को फुल कोर्ट ने कांचीपुरम के प्रधान जिला न्यायाधीश को अलंदुर कोर्ट वकील एसोसिएशन को अंबेडकर के चित्र को हटाने के लिए राजी करने का निर्देश दिया और नवगठित विशेष अदालतों में उनकी तस्वीर लगाने के कुड्डालोर बार के अनुरोध को खारिज कर दिया था.
निर्देश नहीं मानने पर होगी कार्रवाई
इसमें आगे कहा गया कि हाल ही में 11 अप्रैल को फुल कोर्ट ने इसी तरह के अनुरोध पर विचार किया और पहले के सभी प्रस्तावों को दोहराया और सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि गांधी जी और तिरुवल्लुवर की मूर्तियों और चित्रों को छोड़कर, अदालत परिसर के अंदर कहीं भी कोई अन्य चित्र प्रदर्शित नहीं किए जाएंगे. रजिस्ट्रार-जनरल ने निर्देश दिया कि किसी भी तरह के उल्लंघन पर बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु और पुडुचेरी को उचित शिकायत देकर कार्रवाई की जाएगी.