छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : संविदाकर्मियों का चुनाव से पहले हो सकता है नियमितिकरण, सीएम भूपेश 15 अगस्त को कर सकते हैं ऐलान, विभागों से मांगी गई कर्मचारियों की जानकारी

रायपुर : छत्तीसगढ़ के संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियमितीकरण को लेकर एक बार फिर से सुगबुगाहट शुरू हो गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को आदेश जारी कर एक सप्ताह के भीतर ऐसे सभी कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। शासन के इस आदेश के बाद प्रदेश के संविदा कर्मियों के साथ ही दैनिक वेतन भोगी, अनियमित दैनिक श्रमिकों में एक बार फिर से नियमितीकरण की उम्मीद जगी है। विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले राज्य सरकार इन कर्मचारियों को नियमितीकरण का तोहफा दे सकती है।

सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव एसके सिंह ने सभी सरकारी विभागों को 25 जुलाई को एक पत्र जारी किया है। इसमें नए सिरे से संविदा और दैनिक वेतन भोगी, अनियमित दैनिक श्रमिकों की जानकारी मांगी गई है। इसमें साल 2004 से 2018 और 2019 से 2023 तक सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति और संविदा, अनियमित और दैनिक वेतन पर कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों की अलग-अलग जानकारी तैयार करने को कहा गया है। इस काम को प्राथमिकता के साथ तत्काल सभी विभागों में सात दिनों के भीतर भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

सर्कुलर के साथ भेजा गया है फॉर्मेट
सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव ने सभी विभागों के साथ ही निगम, मंडल, आयोग, बोर्ड और संस्थाओं को स्वीकृत पदों पर नियुक्त कर्मचारियों की वर्गवार जानकारी देने को कहा है। इसमें प्रथम से चतुर्थ श्रेणी तक सीधी भर्ती के अनारक्षित, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के अधिकारियों-कर्मचारियों के स्वीकृत और रिक्त पदों सहित कर्मचारियों की संख्या मांगी है। इसके लिए सर्कुलर के साथ ही अलग से फॉर्मेट भी भेजा गया है, जिसके आधार पर जानकारी देना है।

15 अगस्त को सीएम कर सकते हैं घोषणा
माना जा रहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने जिस फॉर्मेट में जानकारी मांगी गई है और सात दिन का समय देकर तत्काल जानकारी भेजने के लिए गया है। इससे उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव के पहले राज्य सरकार कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 15 अगस्त को कर्मचारियों को नियमितीकरण का तोहफा देने की घोषणा कर सकते हैं।

भाजपा और कांग्रेस कार्यकाल की अलग-अलग जानकारी
सामान्य प्रशासन विभाग के इस सर्कुलर को राजनीतिक रूप से देखा जाए तो 2004 से लेकर 2018 और 2019 से 2023 के बीच नियुक्त कर्मचारियों की अलग-अलग जानकारी देने के लिए कहा गया है। बता दें कि प्रदेश में 2004 से 2018 तक भाजपा की सरकार थी। जबकि, 2018 के बाद से राज्य में कांग्रेस सत्तासीन है। ऐसे में अगर नियमितीकरण की घोषणा होती है तो कांग्रेस को चुनाव में इसका फायदा जरूर मिलेगा।