नईदिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (28 जुलाई) को मणिपुर हिंसा और दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने के मामले पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच को सुनवाई करनी थी. हालांकि, चीफ जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ के शुक्रवार को उपलब्ध न होने के चलते उनकी बेंच नहीं बैठेगी. ऐसे में मणिपुर मामले की सुनवाई आज नहीं हो सकेगी.
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा था कि उन्होंने क्या एक्शन लिया है? जिसके बाद मणिपुर वीडियो मामले पर सुनवाई से एक दिन पहले यानी गुरुवार (27 जुलाई) को केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया.
केंद्र सरकार ने एक दिन पहले दाखिल किया हलफनामा
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र ने हलफनामा दाखिल कर कोर्ट से कहा कि राज्य सरकार की सहमति लेकर मामले की जांच CBI को ट्रांसफर कर दी गई है. मुकदमे का तेजी से निपटारा जरूरी है. साथ ही केंद्र ने अपील की है कि मुकदमा राज्य से बाहर ट्रांसफर करने का आदेश दिया जाए और सुनवाई करने वाली निचली अदालत को यह निर्देश भी दे कि चार्जशीट दाखिल होने के 6 महीने के भीतर फैसला दे.
35 हजार अतिरिक्त फोर्स तैनात
मणिपुर में शांति बहाल करने की कोशिशें तेज है. मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई अभद्रता पर गृह मंत्रालय एक्शन में है. मणिपुर में हालातों को काबू पाने के लिए 35 हजार अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है. 18 जुलाई के बाद हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कुकी और मैतई दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं.
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मणिपुर के हर घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं. गृह मंत्री अमित शाह से पीएम मोदी हर जानकारी ले रहे हैं. गृह मंत्रालय की कोशिश है कि दोनों समुदायों के साथ बातचीत कर जल्दी मसले का हल निकाला जाए. हालांकि दोनों समुदायों के बीच सुलह की राय अभी बंटी हुई है. मणिपुर में हिंसा को लेकर सियासत भी तेज है. विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावर हैं तो वहीं अब INDIA गठबंधन का डेलिगेशन 29 और 30 जुलाई को मणिपुर जाएगा.