चंडीगढ़ : 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। अब सामने आया है कि सरकार के पास हमले का इनपुट ही नहीं था। गृह मंत्री अनिल विज ने खुद यह बात कही है। विज ने इस बात से इनकार किया है कि नूंह हिंसा को लेकर उनके पास कोई इनपुट था। उनके पास तो 31 जुलाई को तीन बजे मंदिर में फंसे एक व्यक्ति ने हिंसा की सूचना दी। इस सूचना के बाद ही पुलिस फोर्स को तुरंत मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए थे।
इसी के साथ उन्होंने सीआईडी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच करवा रहे हैं कि इनपुट किसके पास आया था या नहीं। विज के बयान से एक दिन पहले राज्य के होम सेक्रेटरी ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि पुलिस के पास यात्रा पर हमले का इनपुट था। इससे पता चल रहा है कि हिंसा के इनपुट को लेकर सरकार के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल सीआईडी विभाग पहले गृह मंत्रालय के अंडर में था। बाद में इसे मुख्यमंत्री के अधीन कर दिया गया था। उस दौरान भी सीआईडी को लेकर काफी खींचतान हुई थी।
खामियों पर घिरी सरकार
नूंह हिंसा पर हरियाणा सरकार अपनी खामियों पर ही घिर गई है। विपक्ष के साथ सरकार के अपने लोग भी सिस्टम की विफलता पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि नूंह हिंसा से पहले सरकार के पास उपद्रव का पूरा इनपुट था। इसके बावजूद सरकार व प्रशासन हिंसा को टाल नहीं पाई।
हरियाणा सरकार के गृहसचिव टीवीएसएन प्रसाद ने माना कि उनके पास इनपुट थे। इस इनपुट को नूंह में हुई शांति समिति की बैठक में भी रखा गया था। उस दौरान आश्वासन दिया गया था कि यात्रा में कोई व्यवधान नहीं होगा। सूत्रों का कहना है कि सरकार यह भांपने में नाकामयाब रही कि भड़काऊ वीडियो हिंसा का इतना बड़ा रूप ले लेगा। इसी वजह से पुलिस प्रशासन और सरकार की ओर से भी कोई तैयारी नहीं की गई थी।