छत्तीसगढ़

ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे की मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग पर सुनवाई पूरी, कल आ सकता है आदेश

वाराणसी : वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को लेकर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने जिला जज की अदालत का दरवाजा खटखटाया। कमेटी ने मीडिया कवरेज रोकने की मांग की। आरोप है कि तथ्यहीन रिपोर्टिंग की जा रही है। जहां सर्वे शुरू नहीं हुआ, वहां की बातें भी लिखी जा रहीं। बुधवार को इस मामले में जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई।

अदालत ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद मौखिक तौर पर एएसआई से सर्वे रिपोर्ट सीधे कोर्ट में दाखिल करने की बात कहते हुए इस मुद्दे पर आदेश जारी करने के लिए पत्रावली सुरक्षित कर ली। मसाजिद कमेटी की ओर से कहा गया कि सर्वे को लेकर तथ्यों के विपरीत मीडिया द्वारा रिपोर्टिंग की जा रही है। उससे समाज में विद्वेष फैल रहा है।

वहीं, हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया कि मीडिया अपना काम कर रहा है। जो रिपोर्ट दिखाई जा रही है वह पिछले सर्वे की है। संभावना जताई जा रही है कि उक्त आवेदन पर अदालत गुरुवार को अपना आदेश सुना सकती है। वहीं, दो अन्य मसलों पर सुनवाई के लिए अदालत ने 17 अगस्त की तिथि नियत की है।

एएसआई सर्वे रोकने के लिए भी आवेदन

ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे को रोकने के लिए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आवेदन दिया। कहा गया कि चार महिला याचिकाकर्ताओं के आवेदन पर जिला जज ने 21 जुलाई को एएसआई सर्वे का आदेश दिया था। महिला वादिनियों की तरफ से सर्वे में आ रहे खर्च की फीस नहीं जमा की गई। बिना फीस जमा किए ही सर्वे किया जा रहा है, जो कानून के खिलाफ है। सर्वे के लिए एएसआई को रिट नहीं जारी की गई और न लिखित रूप से सर्वे की जानकारी दी गई।

जो सर्वे किया जा रहा है वह कानूनी प्रावधान की प्रक्रिया के विपरीत है। ऐसे में सामान्य नियम और सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत दिए गए प्रावधानों का पालन किए बगैर जो सर्वे किया जा रहा है उसे रोका जाए। इस आवेदन पर महिला वादिनियों की अधिवक्ता की तरफ से आपत्ति जताई गई। साथ ही आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा गया। इस पर अदालत ने 17 अगस्त की तिथि नियत कर दी।

राखी सिंह के मामले में मसाजिद कमेटी ने दाखिल की आपत्ति

जिला जज की ही अदालत में राखी सिंह की तरफ से दिए गए उस आवेदन पर भी सुनवाई हुई जिसमे अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की तरफ से आपत्ति दाखिल की गई। राखी सिंह का आवेदन मुस्लिमों के नमाज पढ़ने से रोक के उद्देश्य से दी गई है। सारे आरोप बेबुनियाद हैं और यह आवेदन खारिज होने योग्य है। इस पर राखी सिंह के अधिवक्ताओं मानबहादुर सिंह और सौरभ तिवारी ने प्रति आपत्ति दाखिल करने के लिए समय की मांग की। अदालत ने सुनवाई के लिए 17 अगस्त की अगली तिथि तय की। 

कथित शिवलिंग के दर्शन-पूजन मामले में आदेश जारी करने का आग्रह

अदालत में सुनवाई के दौरान ज्ञानवापी से जुड़े एक अन्य मामले में अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने अधिवक्ता सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग के दर्शन पूजन राग भोग के वाद पर कहा सभी पक्ष की आपत्ति आ गई है। इस मामले में सुनवाई के बाद आदेश जारी किए जाने का अनुरोध किया गया। सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतजामिया की तरफ से मुमताज अहमद, रईस अहमद खान, तौहीद खान, मेराजुद्दीन सिद्दकी, एखलाक अहमद और हिन्दू पक्ष के चार महिला वादिनियों की तरफ से सुभाषनंदन चतुर्वेदी, दीपक सिंह, पवन पाठक, मदन मोहन यादव, भारत सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव के साथ ही राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र सिंह विसेन कोर्ट में मौजूद रहे।