नई दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने अपने करियर से जुड़ा एक मजेदार किस्सा शेयर किया है। ईशांत ने बताया कि अगर जहीर खान ने उनकी मदद नहीं की होती, तो उनका इंटरनेशनल डेब्यू उस दिन नहीं हो पाता। ईशांत ने खुलासा किया कि टीम इंडिया के लिए पहली बार सेलेक्ट होने पर उनके पिता बेहद भावुक हो गए थे।
ईशांत ने सुनाया मजेदार किस्सा
ईशांत शर्मा ने बताया, “आयरलैंड के दौरे पर मुझे अकेले जाना था, जो अपने आप में एक बड़ी डील थी, क्योंकि पूरी टीम पहले से ही वहां पहुंच चुकी थी। मैं इंग्लैंड टूर का हिस्सा था, लेकिन वहां पर वनडे सीरीज खेली जा रही थी। ठंडे मौसम की वजह से काफी प्लेयर्स बीमार पड़ गए थे और यहां तक कि फिजियो भी बीमार थे। इसके बाद ही मुझसे आयरलैंड जाने को कहा गया। पहली दिक्कत यह थी कि मुझे एयरपोर्ट जाना था, दूसरी समस्या इमीग्रेशन और तीसरी दिक्कत दिल्ली से इंग्लैंड और फिर वहां से मुझे आयरलैंड जाना था। मैंने कभी भी अकेले यात्रा नहीं की थी।”
पूर्व गेंदबाज ने आगे कहा, “मैं मैच को लेकर काफी ज्यादा नर्वस था। किसी तरह से मैं आयरलैंड पहुंच गया। हालांकि, वहां पहुंचने के बाद मुझे पता लगा कि मेरा किटबैग गायब था। मैंने ट्रेन में सामान चोरी होते सुना था, लेकिन यह नहीं पता था कि ऐसा फ्लाइट में भी होता है। उस रात में उन्हीं कपड़ों में सोया, जो मैंने यात्रा के दौरान पहन रखे थे।”
जहीर ने की थी डेब्यू में मदद
ईशांत शर्मा ने आगे बताया, “राहुल द्रविड़ ने मुझे बताया कि आप कल डेब्यू कर रहे हैं। मैंने उस पर कहा कि मैं नंगे पैर कैसे खेल सकता हूं। यहां तक कि मैंने प्रैक्टिस भी नहीं की थी। मैंने जहीर खान से 11 नंबर के जूते का इंतजाम करने को कहा, ताकि मैं मैच खेल सकूं। उन्होंने मुझे जूते दिए, लेकिन वह मेरे पैर में चुभ रहे थे। हालांकि, इससे मुझे ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ा।”