छत्तीसगढ़

समरहिल में मलबे से निकाले गए छात्र समेत तीन के शव, 11 की मौत, कई लापता; तलाशी अभियान जारी

शिमला : राजधानी शिमला के समरहिल में सोमवार की सुबह हुए भूस्खलन के कारण निचली ओर बने शिवमंदिर और ढारे मलबे में दब गए। सोमवार को आठ शव निकाले गए। मंगलवार को फिर एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया। मंगलवार सुबह को तीन और शवों को निकाल लिया गया है। अभी तक 11 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं।

समरहिल में एक ही परिवार के सात लोग भी लापता है। अपनों का अभी तक पता नहीं चलने से परिजन परेशान हैं। समरहिल में अभी भी कम से कम 20 लोग दबे हुए हैं। ये वो लोग हैं जो शिवमंदिर में आए थे। लेकिन इसके अलावा रास्ते से निकल रहे कितने लोग भूस्खलन की चपेट में आए उसकी जानकारी नहीं है। स्थानीय पार्षद ने यह जानकारी दी है।

शिमला के समरहिल में दबे लोगों को निकलने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। एनडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आ गई है। एक शव नाले से शव मिले हैं। लहासे के नीचे दबे हुए थे। 

दरअसल, सावन का सोमवार होने के कारण सुबह से ही समरहिल के शिवमंदिर में लोगों की आवाजाही शुरू हो गई थी। भारी बारिश के चलते सुबह करीब 7:15 बजे धमाके के साथ भारी मलबा पेड़ों समेत मंदिर पर जा गिरा। इससे यह मंदिर पूरी तरह से मलबे में दब गया। जो लोग मंदिर पहुंचे थे, उन्हें भागने तक का मौका नहीं मिला। 

आसपास के लोगों को जैसे ही इसका पता चला तो सभी मौके की ओर भागे। प्रशासन को भी सूचना दी गई। प्रशासन, पुलिस, दमकल समेत एसडीआरएफ की टीमें तो मौके पर पहुंच गईं लेकिन सड़कें बंद होने के कारण मशीनरी कई घंटे बाद मौके पर पहुंची। जवानों ने हाथों से ही मलबे को हटाने का काम शुरू किया। 

घटनास्थल पर पहुंच गए थे सीएम सुक्खू

सोमवार रात तक एक-एक कर आठ शव बरामद हो गए थे। मलबे में अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है। इसके लिए मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री समेत कई मंत्री और विधायक भी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य का जायजा लिया।