छत्तीसगढ़

सॉफ्ट लैंडिंग से सिर्फ एक ऑर्बिट दूर चंद्रयान-3, यहां से अलग होंगे लैंडर और कैरियर, जानें क्या होगा बदलाव

नईदिल्ली : भारत का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 चांद की तरफ जाने वाली अपनी आखिरी कक्षा में पहुंच गया है. यह वो पल है जहां से चंद्रयान की यात्रा में महत्वपूर्ण लेकिन निर्णायक बदलाव होने हैं. इसरो के मुताबिक, इस ऑर्बिट में पहुंचने के बाद वह लैंडर को अलग करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे.

ट्वीट में कहा गया है कि आज इंजन को सफलतापूर्वक ऑन करने के बाद उसने चांद की तरफ जाने वाली एक ऑर्बिट को पूरा कर लिया है. अब उसकी दूरी 153 km x 163 km रह गई है. यहां से लैंडर को अलग किया जाएगा और इस मिशन का कैरियर 17 अगस्त से एक और राउंड पूरा करने के बाद अपनी अलग-अलग यात्रा शुरू करेंगे. अगर सब ठीक रहता है तो लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय के मुताबिक चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर जाएगा.

कुछ दिनों में चांद पर होंगे हम?
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र प्रसाद ने कहा है कि हम चांद के काफी करीब पहुंच गये हैं. इसरो वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में उनका लैंडर चांद पर होगा. इस सफलता से चांद की यात्रा के लिए आगे के प्रवेश द्वार खुलेंगे. 

मिशन पूरा होते ही भारत के खाते में कई उपलब्धियां
अगर यह मिशन सफलतापूर्वक पूरा होता है तो भारत यह कारनामा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. यही नहीं भारत दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जिसने बिना किसी हैवी रॉकेट के इस मिशन को पूरा किया है. इसके अलावा भारत के खाते में एक और उपलब्धि आ जाएगी जिसके अनुसार भारत सबसे कम दाम में इस मिशन को अंजाम देने वाले देश होगा.