छत्तीसगढ़

इस राज्य में बाल विवाह करवाने पर नहीं मिलेगा कोई भी सरकारी स्कीम का फायदा, सरकार ने दी चेतावनी

हैदराबाद : आंध्र प्रदेश सरकार ने शुक्रवार (18 अगस्त) को चेतावनी दी है कि कोई भी माता-पिता अगर अपने बच्चों का बाल विवाह करते हैं तो उन्हें वेलफेयर स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा. राज्य के मुख्य सचिव के एस जवाहर रेड्डी ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है कि किसी लड़के-लड़की की शादी 18 साल से पहले न हो.

रेड्डी ने कहा, ‘जहां भी बाल विवाह होते हैं, वहां लोगों को जागरूक करना होगा कि अगर वह बाल विवाह करेंगे तो उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. खासकर उन माता-पिता को, जो अपने बच्चों की शादी कम उम्र में कर देते हैं.’

बाल विवाह रोकने के लिए रणनीति
इसके लिए अधिकारी ने इंटर- डिपार्टमेंटल मीटिंग में बाल विवाह खत्म करने के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रमों के लिए रणनीति भी तैयार की है. उन्होंने अधिकारियों को आंध्र प्रदेश बाल विवाह निषेध नियम 2012 और इसी तरह के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया.

सरकार बढ़ाएगी रजिस्ट्रेशन लिमिट
रेड्डी ने कहा, सरकार 60 दिन की रजिस्ट्रेशन लिमिट को छह महीने तक बढ़ाने के लिए कानून बनाएगी. इसके अलावा उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भी चेतावनी दी है कि अगर वे अपने इलाके में बाल विवाह को रोकने में कामयाब नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पुजारियों और काजियों को दिशा निर्देश
इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को शादी करवाने वाले पादरियों, मंदिर के पुजारियों और काजियों को भी निर्देश देने का आदेश भी दिया है कि वह इस तरह की शादियां न करवाएं. 

बाल विवाह करवाने पर सजा का प्रावधान
आंध्र प्रदेश बाल विवाह निषेध नियम 2012 के तहत अगर कोई शख्स बाल विवाह करता है या विवाह करने के लिए उकसाता है तो उसे दंडित किया जा सकता है. इसके अलावा उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.