नईदिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि कोविड-19 अब दुनिया के लिए हेल्थ इमरजेंसी नहीं रह गया है. हालांकि, यह अभी भी ‘वैश्विक स्वास्थ्य खतरा’ बना हुआ है. इसके अलावा कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की पहले से ही जांच हो रही है. डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने यह बयान गुजरात की राजधानी गांधीनगर में आयोजित महात्मा मंदिर सम्मेलन केंद्र में आयोजित जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में दिया.
उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 वर्तमान में वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी नहीं रह गया है, लेकिन अब भी यह खतरा बना हुआ है. डब्ल्यूएचओ ने हाल में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की पहचान की है, जिसका स्वरूप कई बार बदल चुका है. इसके बीए.2.86 वेरिएंट की वर्तमान में निगरानी और जांच की जा रही है. इससे पता चलता है कि सभी देशों को चौकसी बरतने की जरूरत है.’
कोविड 19 ने सबक सिखाया
इस अवसर पर उन्होंने सभी देशों से अनुरोध किया कि वे महामारी समझौते को तेजी से अंतिम रूप दें. घेब्रेयेसस ने कहा, ‘कोविड-19 ने हम सभी को यह अहम सबक सिखाया है कि अगर हमारी हेल्थ ठीक नहीं है तो सबकुछ खतरे में है.’
अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों में संशोधन पर चर्चा
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि महामारी समझौता और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों में संशोधन पर चर्चा को लेकर अच्छी प्रगति हो रही है. उन्होंने कहा कि दोनों ही समावेशी, सुसंगत और न्यायसंगत वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा ढांचे के लिए कानूनी और संगठनात्मक खाका के निर्माण को लेकर आवश्यक है.
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने की भारत की सरहाना
इस अवसर पर डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्तर पर टेलीमेडिसिन की शुरुआत करने के लिए भारत की तारीफ की. उन्होंने भारत को दुनिया की सबसे बड़ी बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ के माध्यम से लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस देने के लिए बधाई दी.