छत्तीसगढ़

तीन घंटे लिफ्ट में फंसा मासूम: न डरा न घबराया, हनुमान चालीसा का पाठ किया; मां-बाप और भाई की याद आई तो लिखा नाम

फरीदाबाद : ओमेक्स हाइट्स के स्टूडियो अपार्टमेंट की लिफ्ट में फंसे गर्वित ने डर भगाने के लिए पहले हनुमान चालीसा की चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर.. को पढ़ना शुरू किया। हालांकि बच्चे को हनुमान चालीसा की एक-दो लाइन ही याद है। उसकी मां मधु चंदीला रोज सोने से पहले दोनों भाइयों को सुनाती है। जब बच्चा लिफ्ट में मुसीबत में फंसा तो पहले जय हनुमान ज्ञान गुन सागर.. पढ़ना शुरू कर दिया। इसके बाद कार्टून और गणित की पढ़ाई किया। लिफ्ट से निकलने के बाद बच्चा पसीने से तर-बतर था, लेकिन चेहरे पर डर का भाव नहीं था।

ओमेक्स हाइट्स के स्टूडियो अपार्टमेंट निवासी पवन चंदीला ने बताया कि दो बेटों में एक चार साल यूवी राज व दूसरा आठ साल का गर्वित है। शनिवार शाम पांच बजे गर्वित उर्फ गौरवाविंत लिफ्ट से पहली मंजिल पर स्थित ट्यूशन चला गया था लेकिन, दूसरी मंजिल पर जाकर लिफ्ट अचानक से खराब होकर बंद हो गई। गर्वित ने मदद के लिए हूटर का बटन और आवाज लगाई लेकिन किसी ने नहीं सुनी। जिसके बाद उसने डर को भगाने के लिए हनुमान चालीसा को पढ़ना शुरू कर दिया। जिससे उनका दिमाग पूजा पाठ की ओर चला गया। गर्वित ने बताया कि छोटे भाई यूवी राज को जब रात को सोते वक्त डर लगता था तो मां मधु चंदीला हनुमान चालीसा सुनाती थी।

परिवार को किया याद
गर्वित ने बताया कि लिफ्ट के अंदर से अपने परिवार वालों के नाम बोल कर आवाज लगाकर मदद मांगी, लेकिन किसी ने आवाज नहीं सुनी। जिसके बाद उसने कॉपी निकाल पहले लिफ्ट के अंदर बने बटन को चित्र के रूप में बनाया। बाद में पिता और मां के फोन नंबर के साथ, भाई समेत अपना नाम लिखा। गर्वित शाम को ट्यूशन से आने के बाद कुछ समय के लिए कार्टून डोरेमोन देखता। लिफ्ट में ज्यादा समय होने के चलते डोरेमोन कार्टून का नाम लिखा। इसके बाद तिरंगा झंडा बनाया। गर्वित ने बताया कि मोबाइल पर माइनक्राफ्ट खेलना काफी पसंद है। इसलिए लिफ्ट में बंद होने के दौरान उन्होंने माइनक्राफ्ट की स्पेलिंग को लिखा। एक बार स्पेलिंग में गलती होने के बाद उसने दोबारा से सोच कर सही लिखा।

गणित में कमजोर, तो करता रहा अभ्यास
गर्वित के पिता पवन ने बताया कि बेटा गणित में थोड़ा कमजोर होने की वजह से ज्यादा अभ्यास करता है। इसलिए लिफ्ट में भी उसने गणित के जोड़ वाले प्रश्न करता रहा। घर पर भी समय होने पर गणित पर ज्यादा ध्यान देता है। गर्वित ने ट्यूशन और स्कूल द्वारा मिला हिंदी का कार्य लिफ्ट के अंदर पूरा करने की कोशिश की।

तीन घंटे तक रहा भूखा प्यासा
मां मधु ने बताया कि बेटा ट्यूशन से आने के बाद दूध लेता है, लेकिन लिफ्ट में बंद होने के कारण तीन घंटे तक भूखा प्यासा रहा। जब उसको लिफ्ट से बाहर निकाला गया तो वह पूरी तरह से पसीने में भीगा था।

आइसक्रीम खिलाने के बहाने से पूछे सवाल
पवन ने बताया कि गर्वित को निकालने के बाद सोसाइटी से बाहर अकेले आइसक्रीम खिलाने के बहाने लेकर गया। जहां बेटे से पूछा कि उसको तीन घंटे तक अंदर डर नहीं लगा। जिस पर उन्होंने बताया कि डर लग रहा था लेकिन हनुमान चालीसा बोलने के बाद उसका डर खत्म हो गया।

बच्चे की काउंसिलिंग होनी चाहिए

एक निजी अस्पताल के वरिष्ठ मनोविज्ञान विशेषज्ञ डॉ. लव कौशिक ने बताया कि बच्चे पर मानसिक असर ना पड़े, इसे लेकर काउंसिलिंग कराने की जरूरत है। कई बार इसका असर तुरंत नहीं दिखता है। ऐसी बातें बच्चों को लंबे समय तक याद रहती हैं, ऐसे में उसे इससे निकालने के लिए काउंसिलिंग जरूरी है। इस मामले में सबसे बड़ी बात यह रही हैं कि लिफ्ट में फंसा होने पर भी बच्चे ने धैर्य बनाए रखा, हालांकि ऐसा बहुत कम होता है।