छत्तीसगढ़

नूंह हिंसा की NIA जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, हिंदू समुदाय को निशाना बनाने का आरोप

नईदिल्ली : हरियाणा के नूंह जिले में हिंदू समुदाय को लक्षित करके सांप्रदायिक हिंसा का आरोप लगाते हुए प्रदीप भंडारी और रतन शारदा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इसमें घटना की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि मामले की सुनवाई नूंह से बाहर की जाए और दंगे में जलाए गए घरों की ऑडिटिंग कराई जाए। इसके अलावा हरियाणा सरकार को मृतकों के परिवार को एक करोड़ और घायलों को 20 लाख रुपये का मुआवजा जारी करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

याचिकाकर्ता ने मौलिक अधिकारों विशेष रूप से कानून के समक्ष समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14), भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19), जीवन का अधिकार (अनुच्छेद 21) और पेशे एवं धर्म का अभ्यास व प्रचार की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25) का हवाला दिया है। इसमें कहा गया है कि नूंह की घटनाओं में पीड़ितों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन हुआ है। याचिका में देश भर में भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए धार्मिक कार्यक्रमों और त्योहारों के लिए विस्तृत दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश जारी करने की भी मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आगामी लद्दाख हिल काउंसिल चुनावों के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नेशनल कांफ्रेंस को ‘हल’ चुनाव चिह्न नहीं देने पर नाराजगी जताई और इस संबंध में लद्दाख प्रशासन के कृत्य को ‘अनुचित’ करार दिया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने मौखिक रूप से कहा, यह अनुचित है… अगर जरूरत पड़ी तो हम चुनाव कार्यक्रम रद्द कर देंगे।

केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) ने हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर की है जिसमें पार्टी को ‘हल’ चिह्न अधिसूचित करने के लिए कहा गया है। पार्टी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 16 अगस्त थी। पीठ ने यूटी प्रशासन को सोमवार को पहले मामले के रूप में तय करते हुए उसे आगाह किया कि अदालत चुनाव कार्यक्रम को रद्द कर सकती है।

कार्ति चिदंबरम को फ्रांस, यूके की यात्रा की अनुमति 
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम को 15 से 27 सितंबर तक फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम की यात्रा करने की अनुमति दे दी। कार्ति चिदंबरम एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामलों के आरोपियों में से एक हैं। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने कहा, मामलों में आरोपियों की ओर से दिए गए आवेदन स्वीकार किए जाते हैं।

कार्ति ने 18 से 24 सितंबर तक सेंट ट्रोपेज, फ्रांस में आयोजित होने वाले सेंट ट्रोपेज ओपन नामक एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय टेनिस टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए वहां जाने की अनुमति मांगते हुए अदालत में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि इसके बाद उन्हें उनसे मिलने के लिए लंदन, यूके में रह रही अपनी बेटी से भी मिलने जाना है। इसके अलावा यह भी कहा गया था कि उन्हें यूके में उनकी कंपनी टोटस टेनिस लिमिटेड की कुछ बैठकों और व्यावसायिक गतिविधियों में भाग लेना है।