नई दिल्ली। विपक्षी दलों के सबसे बड़े गठबंधन INDIA की बैठक मुंबई में शुक्रवार से शुरू होगी। इस बैठक के शुरू होने से पहले चर्चा गठबंधन के संयोजक और 11 अहम सदस्यों की बनाई गई कोऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरपर्सन के नाम को लेकर सबसे ज्यादा हो रही है। सूत्रों की माने तो संयोजक के तौर पर नीतीश कुमार और कोऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरपर्सन के तौर पर सोनिया गांधी या उनकी ओर से नामित किसी भी सदस्य को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने का ऐलान किया जा सकता है। इसके अलावा फिलहाल 463 लोकसभा सीटों पर विपक्ष का एक प्रत्याशी उतारे जाने का भी खाका तैयार कर लिया गया है। फिलहाल मुंबई में होने वाली बैठक की तैयारियां जोरों पर हैं और कई बड़े नेता मुंबई पहुंच भी चुके हैं।
विपक्षी दलों के गठबंधन की यह तीसरी बैठक मुंबई के पवई इलाके में होने वाली है। गुरुवार को शुरू होने वाली इस बैठक में गठबंधन के शुरुआती चरण में शामिल प्रमुख दलों के नेता पहुंचने वाले हैं। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि विपक्षी दलों के संगठन INDIA के संयोजक के रूप में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम का ऐलान हो सकता है। गठबंधन को बनाने और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सूत्रों का मानना है कि नीतीश कुमार के नाम को लेकर ज्यादातर सभी दलों ने सहमति भी जता दी है।
हालांकि कुछ मुद्दों पर जरूर तीन-चार दलों ने अपनी बात इस सहमति से अलग रखी लेकिन नीतीश कुमार के नाम को सिरे से खारिज नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक जिस तरीके से सभी दलों को एकजुट करके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में पहली बैठक की थी उसके बाद से ही ज्यादातर दलों के नेताओं ने नीतीश कुमार के नाम को आगे बढ़ाया था। मुंबई में होने वाली बैठक के दौरान अनुमान यही लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार के नाम पर सर्वसम्मति के साथ ऐलान किया जा सकता है।
इसके अलावा मुंबई की इसी बैठक में इस गठबंधन के नेताओं की एक कोऑर्डिनेशन कमिटी भी बनाई गई है। सूत्रों का कहना है कि इस कोऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरपर्सन के लिए यूपीए की चेयरपर्सन रही सोनिया गांधी के नाम को सुझाया गया है। गठबंधन में शामिल एक प्रमुख दल से जुड़े वरिष्ठ नेता बताते हैं कि अब सोनिया गांधी इस पद को स्वीकार करती हैं या नहीं यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा। हालांकि विकल्प के तौर पर कोऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरपर्सन के तौर पर सोनिया गांधी की ओर से बताए गए किसी अन्य नेता को इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए चुना जा सकता है।
गठबंधन में सभी नेताओं के साथ समन्वय करने वाली पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता कहते हैं कि सबसे महत्वपूर्ण बात यही निकाल कर रही है कि किसी भी दल के नेता की ओर से किसी भी महत्वपूर्ण पद की चाहत नहीं है। वह कहते हैं कि विपक्षी दलों की ओर से लगातार कहा जा रहा था कि इस गठबंधन में सभी नेता अलग-अलग पदों की चाह रखते हैं। लेकिन संयोजक से लेकर चेयरपर्सन तक के लिए किसी ने अपनी पार्टी के नेता का नाम नहीं रखा। वह कहते हैं कि जो भी नाम तय किया जा रहे हैं वह सर्वसम्मति और एक व्यवस्थागत तरीके से ही आगे बढ़ाए जा रहे हैं।
इस बैठक में संयोजक और चेयरपर्सन के अलावा लोकसभा में विपक्ष के एकल प्रत्याशी को मैदान में उतारने का पूरा रोड मैप की चर्चा होगा। सूत्रों का कहना है कि मुंबई में आयोजित होने वाली बैठक से पहले की दो बैठकों के बाद देश की 463 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाने का पूरा खाका खींच लिया गया है। वह कहते हैं कि गुरुवार और शुक्रवार को मुंबई में हो रही बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा होगी। ताकि लोकसभा चुनाव से पहले क्षेत्र में जनता के बीच इसका संदेश भी दिया जा सके और सभी दलों के नेताओं को एक साथ जुड़कर काम करने का मौका भी मिल सके।
गठबंधन से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि कुछ राज्यों में अभी विपक्षी दलों के नेताओं के साथ चुनावी सहमतियां नहीं बन पाई है इसलिए लोकसभा की सभी सीटों पर प्रत्याशियों का पूरा खाका तैयार नहीं किया जा सका है। उनका मानना है कि जैसे ही बचे हुए राज्यों में भी विपक्षी दलों के साथ मिलकर सहमतियां बनेगी फिर एक साथ सभी प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतरने की रूपरेखा तैयार कर दी जाएगी।
वहीं इस बार प्रमुख पक्षी दलों के गठबंधन INDIA ने यही योजना बनाई है कि लोकसभा चुनाव के दौरान होने वाली प्रमुख रैलियां और जनसभाओं में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने से बचा जाए। इसके विपरीत प्रधानमंत्री की बजाए केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए उनकी तथ्यों के साथ जनता के सामने हकीकत रखी जाने की योजना बनी है। योजना यह भी बनी है कि जो मुद्दे जनता से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं उनको ही अपनी रैलियों जनसभाओं और रोड शो के दौरान उठाया जाए। विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल एक प्रमुख नेता कहते हैं कि ऐसा करके वह सीधे तौर पर जनता के मुद्दों के माध्यम से न सिर्फ उन तक अपनी पहुंच बना सकेंगे बल्कि हाल के दिनों में हुए चुनावी राज्यों में इस तरह के मुद्दों से जीत भी मिली है, उसका असर भी दिखेगा।