छत्तीसगढ़

टाइटैनिक जहाज के लिए एक और अभियान की तैयारी, लेकिन अमेरिकी सरकार विरोध में उतरी, जानिए क्यों

नईदिल्ली : सालों पहले उत्तरी अटलांटिक सागर में डूबे टाइटैनिक जहाज को लेकर अभी तक लोगों में जिज्ञासा बनी हुई है। यही वजह है कि बीते दिनों टाइटैनिक जहाज के अभियान पर गई एक पनडुब्बी के तबाह होने और उसमें सवार सभी पांचों लोगों की मौत के बावजूद अब एक और कंपनी ने टाइटैनिक अभियान पर जाने का एलान किया है। हालांकि अमेरिका सरकार इसके विरोध में उतर आई है। अमेरिका की सरकार इस अभियान को रोकने के लिए संघीय कानून और अंतरराष्ट्रीय संधियों का हवाला दे रही है।

क्या है मामला
बता दें कि जॉर्जिया स्थित आरएमएस टाइटैनिक इंक नामक कंपनी ने अगले साल उत्तरी अटलांटिक सागर के तल पर मौजूद टाइटैनिक के मलबे के खोजी अभियान पर जाने का एलान किया है। इस कंपनी के पास टाइटैनिक के मलबे को बचाने का अधिकार है। कंपनी अपने इस अभियान के तहत टाइटैनिक की कुछ कलाकृतियां रिकवर करने की कोशिश करेगी। इससे पहले भी कंपनी टाइटैनिक जहाज से जुड़ी कुछ कलाकृतियों को मलबे से निकालकर ला चुकी है। अब एक बार फिर कलाकृतियों की खोज में यह आगामी अभियान चलाया जाएगा।

अमेरिकी सरकार क्यों कर रही विरोध
एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की संघीय सरकार इस बात पर नियंत्रण करना चाहती है कि टाइटैनिक से कौन कलाकृतियां निकाल सकता है कौन नहीं। यही वजह है कि अमेरिकी सरकार आरएमएस टाइटैनिक इंक के अगले साल होने वाले अभियान को रोकने की तैयारी कर रही है। बता दें कि बीती 18 जून को टाइटन समर्सिबल पनडुब्बी टाइटैनिक जहाज को देखने समुद्र की गहराइयों में उतरी लेकिन हादसे का शिकार हो गई थी। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद से ही टाइटैनिक जहाज पर नियंत्रण को लेकर सवाल उठ रहे हैं?

अमेरिकी सरकार अब टाइटैनिक के किसी अभियान की मंजूरी के लिए पार्टी बनना चाहती है। अमेरिकी सरकार का दावा है कि उसके वाणिज्य मंत्री और उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाली मेरीटाइम यूनिट के पास इसका कानूनी अधिकार है कि वह आरएमएस टाइटैनिक इंक के अभियान को मंजूरी देती है या नहीं। बता दें कि साल 1912 में साउथैम्पटन से न्यूयॉर्क जा रहा उस वक्त का सबसे बड़ा जहाज टाइटैनिक बीच समुद्र में हादसे का शिकार होकर डूब गया। इस हादसे में 2208 यात्रियों और 1500 क्रू के सदस्यों की मौत हो गई थी।