नोएडा । सेक्टर 122 में रहने वाली होम्योपैथी डॉक्टर की डेंगू से मौत का मामला सामने आया है। महिला डॉक्टर को चार दिन पहले तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां रविवार शाम इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। जिले में डेंगू से यह पहली मौत है। हालांकि, विभाग की ओर से अबतक डेंगू से मौत की पुष्टि नहीं की गई है।
पिता सेवक राम का कहना है कि 28 वर्षीय पुत्री अक्षिता सिंह होम्योपैथिक चिकित्सक थी। करीब चार दिन पहले तबीयत खराब होने पर उसे इलाज के लिए सेक्टर-27 प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां जांच के दौरान डाक्टर ने प्लेटलेट्स कम होने की बात बताई कही थी। बेटी का इलाज अस्पताल में चल ही रहा था कि रविवार शाम डाक्टर की ओर से जानकारी दी गई कि बेटी की मौत हो गई है।
घटना से परिवार में गम का माहौल है। स्थानीय निवासी उमेश शर्मा का कहना है कि इलाके में मच्छरों का प्रकोप है। इस कारण यहां डेंगू। मलेरिया, चिकनगुनिया आदि रोग फैल रहा है। डेंगू से हुई मौत के संबंध में अस्पताल प्रबंधन व सीएमओ डा. सुनील कुमार शर्मा से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
विभाग की ओर से स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक जिले में 254 डेंगू मरीजों की संख्या बताई गई है। हालांकि विभागीय आंकड़े से इधर निजी अस्पतालों में भर्ती मरीज की संख्या और निजी अस्पताल में डेंगू से इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके मरीजों की संख्या में कई गुना अंतर है।
विभाग का दावा है कि पॉजीटिव मिले मरीजों के घरों के आसपास नियमित फागिंग व एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं जिन जगहों पर मलेरिया का लार्वा मिलता है। वहां के मालिकों को नोटिस जारी किया जाता है। अब तक 20 हजार रूपये से अधिक का जुर्माना और 100 से अधिक लोगों को नोटिस दिया जा चुका है। इस बार सबसे अधिक मरीज ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी में मिल रहे हैं।