छत्तीसगढ़

इंडिया या भारत नाम विवाद पर शशि थरूर ने किया जिन्ना का जिक्र, कहा- उन्होंने भी किया था विरोध, लेकिन…

नईदिल्ली : जी-20 सम्मेलन से पहले देश के नाम को लेकर शुरू हुआ इंडिया या भारत नाम विवाद बढ़ता ही जा रहा है. विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार संविधान बदलने की कोशिश कर रही है तो वहीं सरकार ने इसे अफवाह बताया है. इस बीच केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने भी इंडिया नाम पर आपत्ति जताई थी. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सीएए की तरह इस मुद्दे पर भी जिन्ना के विचारों का समर्थन कर रही है.

शशि थरूर ने कहा कि यह मुद्दा उस वाकिए की याद दिलाता है जब मोहम्मद अली जिन्ना ने इंडिया नाम रखे जाने का विरोध किया था. सीएए की तरह बीजेपी जिन्ना के विचारों का समर्थन करती रही है. भारत बनाम इंडिया विवाद के बीच शशि थरूर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है कि वह देश का नाम बदलना चाहती है.

2015 की घटना का भी क्या जिक्र
शशि थरूर ने एक न्यूज आर्टिकल के जरिए साल 2015 की एक और घटना भी शेयर की है जब एक जनजहित याचिका के जरिए देश का नाम इंडिया की जगह सिर्फ भारत रखे जाने की मांग की गई थी. इस पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि भारत के संविधान के आर्टिकल 1.1 में बदलाव कर देश का नाम बदलने की आवश्यकता नहीं है. संविधान के आर्टिकल 1.1 में देश के आधिकारिक तौर पर नाम के लिए इंडिया और भारत के उपयोग का जिक्र किया गया है. 

और क्या बोले शशि थरूर
शशि थरूर ने यह आर्टिकल शेयर करते हुए कहा, ‘किसी टिप्पणी की जरूरत नहीं. इस पर केंद्र सरकार की सहमति से खुश हूं.’ उन्होंने कहा, ‘संवैधानिक तौर पर इंडिया को भारत कहे जाने पर कोई आपत्ति नहीं. आशा करता हूं कि सरकार इंडिया नाम का पूरी तरह से त्याग करने की वेबकूफी नहीं करेगी, जो कि देश की ब्रैंड वैल्यू है. हमें दोनों नामों का उपयोग रहने देना चाहिए, जो इतिहास को फिर से जीवंत करते हैं और पूरी दुनिया में पहचाने जाने वाले नाम हैं.’