नईदिल्ली : मणिपुर में हिंसा का एक और मामला सामने आया है. बुधवार (6 सितंबर) को बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में बैरिकैड्स को तोड़ने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे.
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान 40 से अधिक लोग घायल हो गए. घायलों में ज्यादातर महिलाएं थीं. घायलों को इलाज के लिए बिष्णुपुर जिला अस्पताल और मोइरांग सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
अधिकारियों ने कहा, ”कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए बिष्णुपुर जिले के ओइनम में सैकड़ों स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर आ गए और पुलिस और अन्य केंद्रीय बलों के उन जवानों की आवाजाही रोकने के लिए दोपहर करीब ढाई बजे सड़क के बीच में बैठ गए, जो इंफाल से फौगाकचाओ इखाई जा रहे थे.”
अधिकारियों ने बताया कि करीब 11.40 बजे, फौगाकचाओ इखाई जा रहे प्रदर्शनकारियों को राज्य पुलिस बलों ने रोक दिया, जिन्होंने लगभग 2 किलोमीटर दूर क्वाक्टा में बैरिकेड लगाया था. उन्होंने बताया कि हालांकि पुलिस ने आंसू गैस के कुछ गोले दागे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिया और फौगाकचाओ इखाई की ओर बढ़ गए. उन्होंने बताया कि इस हंगामे में कोई घायल नहीं हुआ.
‘कोआर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी’ (सीओसीओएमआई) के फौगाकचाओ इखाई में सेना के बैरिकेड तोड़ने के आह्वान पर लोग बिष्णुपुर जिले में एकत्रित हुए थे और मांग कर रहे थे कि उन्हें चुराचांदपुर की ओर धकेल दिया जाए.
बैरिकेड के कारण अपने घरों में नहीं जा पाए सैकड़ों मेइती
अपुनबा मणिपुर कनबा इमा लुप (एएमकेआईएल) के अध्यक्ष लौरेम्बम नगनबी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद तोरबुंग में अपने घरों को छोड़ने वाले सैकड़ों मेइती बैरिकेड के कारण अपने घरों में नहीं जा पाए. हम सिर्फ यह मांग कर रहे हैं कि वे स्थानांतरित किए जाएं ताकि लोग अपने घर जा सकें.’’
सीओसीओएमआई ने लोगों से बैरिकेड पर धावा बोलने का आह्वान किया था क्योंकि सरकार ने 30 अगस्त तक बैरिकेड हटाने संबंधी उनके अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया. राज्य सरकार ने मंगलवार को कानून-व्यवस्था के उल्लंघन की आशंका में घाटी के पांच जिलों में अगले आदेश तक पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया था.