छत्तीसगढ़

केरल में निपाह वायरस के 5 केस, संपर्क में आए 700 लोगों में 77 हाई रिस्क पर…

नईदिल्ली : केरल में बुधवार (13 सितंबर) को निपाह संक्रमित एक और मरीज के सामने आने के बाद स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट की चिंता बढ़ने लगी है. इसके साथ ही राज्य में निपाह मरीजों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है. राज्य की हेल्थ मिनिस्टर वीना जॉर्ज ने बताया कि इंफेक्शन को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने कंटेनमेंट जोन बनाए हैं. करीब 700 ऐसे लोगों की लिस्ट बनाई गई है, जो मरीजों के संपर्क में आए हैं. इनमें से 77 लोग हाई रिस्क कैटेगरी में रखे गए हैं.

राज्य में दो मरीजों के मौत भी निपाह वायरस के संक्रमण के चलते हुई है. मंत्री ने यह भी आशंका जाहिर की है कि पूरे राज्य में इंफेक्शन फैलने का खतरा है. संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य ने कई उपाय किए हैं. हाई रिस्क कैटेगरी में रखे गए लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है.

त्योहारों के जश्न और कार्यक्रमों पर रोक

जान गंवाने वाले दोनों मरीज जिन रास्तों से गुजरे थे, उसके बारे में लोगों की जानकारी दी गई है ताकि अन्य लोग उन रास्तों का इस्तेमाल न करें. कोझिकोड जिले में पब्लिक फेस्टिवल और अन्य कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है. कोझिकोड जिले की 9 पंचायतों के 58 वार्ड्स को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है. यहां केवल इमरजेंसी सर्विसेज को अनुमति दी गई है. जिन दुकानों में इमरजेंसी जरूरत की चीजें मिल रही हैं, उन्हें सुबह 7:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खोलने की अनुमति है. फार्मेसी और हेल्थ सेंटर्स के लिए कोई समय सीमा नहीं है. कंटेनमेंट जोन में पड़ने वाले नेशनल हाईवे पर बसों को नहीं रुकने को कहा गया है.

9 साल का बच्चा भी है पॉजिटिव
कोझिकोड में 9 साल का बच्चा निपाह से पीड़ित है, जिसके इलाज के लिए सरकार ने आईसीएमआर से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का आर्डर दिया है. बच्चा वेंटिलेटर सपोर्ट पर है. इस बार केरल में जो निपाह संक्रमण फैला है वह बांग्लादेश का स्ट्रेन है.  इसका इंफेक्शन रेट तो कम है, लेकिन डेथ रेट हाई है. इंसानों से इंसानों में वायरस इंफेक्शन फैलता है. केरल में सबसे पहले 2018 में निपाह इंफेक्शन फैला था. उस दौरान 18 में से 17 मरीजों की मौत हो गई थी. इसलिए एक बार फिर इंफेक्शन फैलने की वजह से राज्य में डर का माहौल है.  बाद में 2019 तथा 2021 में भी इससे संक्रमित मरीज सामने आए थे.