नईदिल्ली : महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के सचिवों को लेकर दिए बयान पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पलटवार किया.
पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ”ये श्री राहुल गांधी के लिए है. मुझे उम्मीद है कि वो इसे पढ़कर समझ सकते हैं.” उन्होंने आगे कहा, ”संसद में राहुल गांधी और कांग्रेस ने ओबीसी प्रतिनिधित्व को लेकर सवाल उठाए हैं जबकि इतिहास एक अलग कहानी पेश करता है.”
किरेन रिजिजू ने क्या कहा?
बीजेपी नेता किरेन रिजिजू ने कहा कि वर्तमान में भारत सरकार में कार्यरत सचिवों के बैच ने अपनी यात्रा 1992 में शुरू की. इस अवधि के दौरान अधिकांश समय कांग्रेस पार्टी सत्ता पर काबिज रही. ऐसे में इन्होंने ओबीसी प्रतिनिधित्व पर ध्यान क्यों नहीं दिया?
उन्होंने कहा कि आइए तथ्यों पर ध्यान दें. आधिकारिक रिकॉर्ड में किसी की ओबीसी स्थिति शामिल नहीं है. आज भारत में एक ओबीसी प्रधानमंत्री हैं, जो कि मंत्रियों के बीच रिकॉर्ड तोड़ 35 फीसदी ओबीसी प्रतिनिधित्व के साथ सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. इसके विपरीत कांग्रेस के इतिहास में कोई ओबीसी प्रधानमंत्री नहीं हैं. कांग्रेस ने चरण सिंह और देवेगौड़ा जैसे ओबीसी नेताओं का विरोध किया है.
राजीव गांधी का किया जिक्र
किरेन रिजिजू ने कहा कि राजीव गांधी ने मंडल आयोग का विरोध किया. भारतीय राजनीति में भाषण से ज्यादा काम मायने रखता है. राहुल गांधी के सवालों से कांग्रेस को अपने इतिहास और ओबीसी सशक्तिकरण में वास्तविक योगदान पर विचार करने के लिए प्रेरित होना चाहिए.
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने बुधवार (20 सितंबर) को लोकसभा में कहा, ‘‘मेरी नजर में एक चीज (ओबीसी कोटा नहीं होना) महिला आरक्षण बिल को अधूरा बनाती है .मैं चाहता हूं कि इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण को शामिल किया जाना चाहिए था. ’’
उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार में 90 सचिव हैं जिनमें केवल तीन ओबीसी समुदाय से आते हैं.