नईदिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ ने गुरुवार (28 सितंबर) को गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर के बारे में मीडिया के साथ ताजा जानकारी साझा की.
चंद्रमा पर रात होने से पहले चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को स्लीप मोड में डाला गया था और उम्मीद जताई गई थी जब वहां दिन होगा तो दोनों फिर से एक्टिव हो जाएंगे. अभी चंद्रमा पर दिन चल रहा है. हर कोई जानने के लिए उत्सुक है कि क्या प्रज्ञान और विक्रम फिर से जागेंगे यानी सक्रिय हो जाएंगे?
क्या जागेगा प्रज्ञान रोवर?
इसरो प्रमुख ने सोमनाथ मंदिर के दौरे के बाद मीडिया से कहा कि चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवर वो काम कर चुका है जिसकी उससे उम्मीद की गई थी. इसी के साथ उन्होंने कहा कि अगर रोवर अपने स्लीप मोड से जागने में असफल रहता है तो भी कोई दिक्कत नहीं है.
स्लीप मोड में चल रहे प्रज्ञान रोवर की स्थिति पर इसरो प्रमुख ने कहा कि अगर चंद्रमा पर अत्यधिक ठंडे मौसम के कारण इसके इलेक्ट्रॉनिक सर्किट क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं तो यह जाग जाएगा क्योंकि वहां तापमान शून्य से लगभग 200 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया था.
चंद्रमा पर सुबह होने पर क्या हुआ था?
बता दें कि इसरो ने पिछले हफ्ते कहा था कि चंद्रमा पर सुबह होने पर एजेंसी ने चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के साथ संचार स्थापित करने की कोशिश की थी ताकि स्लीप मोड में रखे जाने के बाद उनकी जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके लेकिन कोई सिग्नल नहीं मिल रहा था.
इसरो की पाइपलाइन में कौन-कौन से मिशन?
संवाददाता सम्मेलन में एस सोमनाथ ने यह भी जानकारी दी कि इसरो अब XPoSat या एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट लॉन्च के लिए तैयारी कर रहा है जो नवंबर या दिसंबर में हो सकता है. उन्होंने कहा कि एक्सपोसैट तैयार है और इसे पीएसएलवी रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा. इसरो प्रमुख ने बताया कि एक्सपोसैट के जरिए ब्लैक होल, नेब्युला और पल्सर का अध्ययन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पाइपलाइन में एक और मिशन इन्सैट-3डीएस है, जो एक जलवायु सैटेलाइट है, जिसे दिसंबर में लॉन्च किया जाएगा.
एस सोमनाथ ने बताया, ”फिर हम एसएसएलवी डी3 लॉन्च करेंगे. जैसा कि आप जानते हैं यह हमारा छोटा सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल है, यह तीसरा लॉन्च है. यह नवंबर या दिसंबर में हो जाएगा. फिर बारी NASA-ISRO सिंथेटिक अपर्चर रडार या NISAR की होगी.” उन्होंने कहा कि इसे अगले साल फरवरी में लॉन्च किया जाएगा. इसरो प्रमुख ने कहा कि गगनयान मिशन का परीक्षण वाहन ‘डी1’ अक्टूबर में लॉन्च किया जाएगा.