पटना : पटना में एक बार फिर से पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले के कारण मौत से जंग लड़ रहे मासूम के एंबुलेंस को काफी देर तक रोककर रखा गया। मासूम के परिजन ने गुहार लगाई कि बच्चा बेहोश है, सही समय पर इलाज नहीं मिला तो वह मर जाएगा। लेकिन, पुलिसकर्मियों ने उसकी एक न सुनी और एंबुलेंस को रोककर रखा। मासूम के परिजनों का कहना है कि फतुहा के एक निजी अस्पताल से उस बच्चों को लेकर पटना के अस्पताल में ले जा रहे थे, लेकिन पुलिस मुख्यमंत्री के काफिले को लेकर सभी गाड़ियो को रोक दी।
घटना फतुहा थाना इलाके के रेलवे ओवर ब्रिज के पास की है। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने गृह जिले नालंदा से इथनॉल फैक्ट्री का उद्घाटन कर वापस राजधानी लौट रहे थे। उनका काफिले को जाने में किसी तरह की त्रुटि न हो, इसके लिए पुलिसकर्मी ने सभी गाड़ियों को रोक दिया। इसी में एक एंबुलेंस भी फंस गया। मासूम बच्चे की मां पुलिसकर्मियों से मदद की गुहार लगाती रही। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस को जाने दिया जाए। लेकिन, उनकी बातों को अनसुनी कर दी गई। हालांकि, इस मामले में पटना के ट्रैफिक एसपी ने कहा कि मामले की जांच करवाई जा रही है। सभी पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया गया है कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा ना हो, इसका ख्याल रखें। वहीं भाजपा इस मामले को लेकर बिहार सरकार पर सवाल खड़ा कर रही है।
एक महीना पहले भी ऐसा ही हुआ था
करीब एक माह पहले भी ऐसा ही हुआ था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 21 अगस्त की शाम गंगा पथ का निरीक्षण करने जा रहे थे। उनके काफिले के लिए पुलिसकर्मियों ने एक एंबुलेंस को रोक दिया गया था। उस वक्त भी मरीज के परिजन एंबुलेंस को नहीं रोकने की गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनकी एक न सुनी। सीएम नीतीश कुमार का काफिला गुजरने के एंबुलेंस को काफी देर तक रोका गया और जब नीतीश कुमार का काफिला गुजर गया। उसके बाद एंबुलेंस को वहां से छोड़ा गया था।