मुंबई : चुनाव आयोग राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सिंबल से संबंधित मामले में 6 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. इसके लिए इलेक्शन कमीशन ने 6 अक्टूबर को शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट और अजित पवार के नेतृत्व वाले विद्रोही समूह को बुलाया है. इस बीच एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि पार्टी में किसी तरह का कोई झगड़ा नहीं है.
नागपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “पार्टी की स्थापना 25 साल पहले शरद पवार ने की थी. कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर कोई जानता है कि एनसीपी का मतलब शरद पवार है.” NCP नेता ने कहा, “NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार हैं और महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल हैं. जयंत पाटिल और पार्टी ने हाल ही में रोहिणी ताई (रोहिणी खडसे) को महिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी है और वह पूरी ताकत से महाराष्ट्र की महिलाओं के लिए काम कर रही हैं.”
सुप्रिया सुले ने कहा कि इसके (सिंबल) के जाने का कोई सवाल ही नहीं है. शरद पवार ने पार्टी बनाई है, इसलिए सिंबल उन्हीं के पास रहना चाहिए.
चुनाव आयोग का फैसला स्वीकार- अजीत पवार
डिप्टी सीएम अजित पवार ने 42 विधायकों, विधानपार्षदों और 2 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ आयोग को एक पत्र लिखा था. अजित का कहना था, ”विधायी और संगठन के लोगों ने मुझे नेता चुना है, इसलिए एनसीपी का सिंबल मुझे दिया जाए.” हाल ही में उन्होंने ने कहा था कि वह पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के स्वामित्व पर भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के फैसले को स्वीकार करेंगे.
शरद पवार ने चुनाव आयोग में पेश की दलीलें
गौरतलब है कि एनसीपी में टूट के बाद चुनाव आयोग में शरद पवार गुट अपनी दलीलें पेश कर चुका है. पवार गुट का कहना है कि पार्टी पर अजित की दावेदारी अवैध और असंवैधानिक है. इस दौरान पवार ने चुनाव आयोग से अजित पवार गुट के विधायकों पर अयोग्यता की कार्रवाई शुरू करने की इजाजत भी मांगी है.