नईदिल्ली : दिल्ली पुलिस ने विदेश से पैसे लेकर चीन के लिए प्रचार करने के आरोप में ऑनलाइन समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और उसके एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया है।
इस सिलसिले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में पुलिस की विशेष शाखा ने वेबसाइट के दफ्तर को सील कर दिया। इससे जुड़े पत्रकारों के 30 ठिकानों पर छापे मारे और उनमें से कुछ के मोबाइल, लैपटॉप समेत अन्य डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त कर लिए।
दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नालवा ने पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि कुल 46 संदिग्धों से पूछताछ की गई। इनमें से 37 पुरुष संदिग्धों से विशेष शाखा के दफ्तर में पूछताछ की गई और नौ महिला संदिग्धों से उनके निवास पर सवाल-जवाब किए गए।
दिल्ली-एनसीआर में केंद्रित विशेष शाखा की छापेमारी मंगलवार सुबह शुरू हुई। बाद में प्रबीर पुरकायस्थ को न्यूजक्लिक के दक्षिण दिल्ली स्थित कार्यालय ले जाया गया, जहां पहले से ही एक फोरेंसिक टीम मौजूद थी। वहां से पुरकायस्थ को पूछताछ के लिए विशेष शाखा के दफ्तर ले जाया गया।
दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के पत्रकारों से पूछताछ के लिए 25 सवालों की सूची तैयार की थी। सूत्रों ने बताया कि इसमें उनकी विदेश यात्राओं, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन, किसानों के प्रदर्शन आदि से जुड़े सवाल शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों से पूछताछ की जानी थी, पुलिस ने उन्हें तीन श्रेणियों ए, बी और सी में बांटा था। हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।
न्यूजक्लिक पर क्या हैं आरोप
चीन से धन प्राप्त करने के आरोपों के बीच वेबसाइट के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच चल रही है।
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने 17 अगस्त को समाचार पोर्टल के खिलाफ यूएपीए और आईपीसी की धारा 153ए (दो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 120बी (आपराधिक साजिश) समेत आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत नया मामला दर्ज किया था। पिछले दिनों अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से धन पाने को लेकर न्यूजक्लिक सुर्खियों में आई थी। 2021 में भी ईओडब्ल्यू ने न्यूजक्लिक के खिलाफ जांच शुरू की थी।
कार्रवाई का स्पष्टीकरण दें
दिल्ली पुलिस हमारे घर पहुंची, क्योंकि हमारी पार्टी के एक साथी हमारे साथ रहते हैं और उनका बेटा न्यूजक्लिक में काम करता है। छापा क्यों मार रहे, इसका कारण क्या है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हम चाहते हैं कि वे स्पष्टीकरण दें।
-सीताराम येचुरी, माकपा महासचिव
जाति जनगणना से ध्यान भटकाने की कोशिश…जब से बिहार के जाति जनगणना के चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं, देश में जाति जनगणना की मांग जोर पकड़ने लगी है। जब पाठ्यक्रम के बाहर का कोई सवाल सामने आ जाता है तो पीएम इसी तरह कोई आजमाया हुआ अस्त्र बाहर ले आते हैं, ताकि लोगों का ध्यान भटकाया जा सके।
-पवन खेड़ा, कांग्रेस के मीडिया व प्रचार विभाग के प्रमुख
भाजपा की हार की निशानी
ये छापे हारती भाजपा की निशानी हैं। यह कोई नई बात नहीं है। ईमानदार खबरनवीसों के खिलाफ भाजपाई हुक्मरानों ने हमेशा छापे मरवाए हैं, लेकिन सरकारी प्रचार-प्रसार के नाम पर हर महीने मित्र चैनलों को कितने करोड़ दिए जा रहे हैं, यह भी तो कोई छापे।
-अखिलेश यादव, सपा प्रमुख
नियमों के मुताबिक कार्रवाई
जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं व कानून के मुताबिक काम कर रही हैं। कहीं भी यह नहीं लिखा है कि अगर आपने अवैध तरीके से धन प्राप्त किया है या कोई आपत्तिजनक काम किया है तो जांच एजेंसियां उसकी जांच नहीं कर सकती हैं।
-अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्री
शैतान का धर्मग्रंथों पर उपदेश
प्रेस के बारे में कांग्रेस का प्रवचन देना शैतान के धर्मग्रंथों के बारे में उपदेश देने जैसा ही है।
-शहजाद पूनावाला, भाजपा प्रवक्ता
प्रेस की आजादी पर हमला : मीडिया संगठन
एडिटर्स गिल्ड, प्रेस क्लब समेत विभिन्न मीडिया संगठनों ने न्यूजक्लिक के पत्रकारों पर छापे की आलोचना करते इसे प्रेस की आजादी पर हमला करार दिया है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, हम सरकार को बताना चाहते हैं कि सक्रिय लोकतंत्र में स्वतंत्र मीडिया अहम स्थान रखता है। हमारा सरकार से आग्रह है कि इस चौथे स्तंभ का सम्मानख, सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रेस क्लब ने एक बयान जारी कर कहा कि वह पत्रकारों के साथ खड़ा है। महिला प्रेस क्लब ने इसे पत्रकारों का दमन बताया।
पत्रकारों की गिरफ्तारी से अवगत: अमेरिका
पत्रकारों के खिलाफ छापे व चीन के साथ न्यूजक्लिक के संबंधों के बारे में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रधान उपप्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा, हम उन चिंताओं से अवगत हैं और हमने न्यूज पोर्टल के चीन से संबंधों के बारे में रिपोर्टिंग देखी है। लेकिन हम उन दावों की सत्यता पर अभी टिप्पणी नहीं कर सकते। अमेरिकी सरकार जीवंत और स्वतंत्र लोकतंत्र में मीडिया और सोशल मीडिया की मजबूत भूमिका का समर्थन करती है। हम अपने राजनयिक जुड़ावों के माध्यम से भारत सरकार और दुनियाभर के देशों के साथ इन मामलों की चिंता उठाते रहते हैं। लेकिन मेरे पास इस विशेष मुद्दे या परिस्थिति से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी नहीं है जो इस पोर्टल से संबंधित हो भी सकती है और नहीं भी।