नईदिल्ली : सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर बुधवार (4 अक्टूबर) को सुनवाई करने वाली है. अदालत ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा है. मनीष सिसोदिया को इस साल फरवरी में शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली हाईकोर्ट पहले ही आप नेता की जमानत याचिका को खारिज कर चुका है. यही वजह है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर आखिरी बार 15 सितंबर को सुनवाई की थी. दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद जमानत याचिका को स्थगित कर दिया गया. सिसोदिया के पास सीबीआई और ईडी के खिलाफ बुधवार के लिए दो विशेष अनुमति याचिकाएं सूचीबद्ध हैं. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री कथित तौर पर दिल्ली शराब घोटाले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग जांच का सामना कर रहे हैं. उन्होंने अपनी बीमार पत्नी से मिलने के लिए जमानत दिए जाने की मांग की है.
किस आधार पर मांगी जमानत?
सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और ईडी की तरफ से अदालत में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने संयुक्त अनुरोध किया. इस पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भाटी की पीठ ने सहमति जताई. दरअसल, सिंघवी ने पिछली सुनवाई में अदालत को बताया था कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई करने की जरूरत है. उनका कहना था कि सिसोदिया की पत्नी को गंभीर बीमारी है, इसलिए वह अंतरिम जमानत की मांग कर रहे हैं.
पिछली बार जब इस मामले पर सुनवाई हुई, तो सिसोदिया की तरफ से अदालत में पेश हुए उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई करने की जरूरत है. उनका कहना था कि सिसोदिया को अपनी पत्नी से मिलना हैं, जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. यही वजह है कि उन्होंने अंतरिम जमानत की मांग की है. सिसोदिया ने 30 मई और 4 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट के दो अलग-अलग आदेशों के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें उन्हें क्रमशः ईडी और सीबीआई मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था.