छत्तीसगढ़

बधिर वकील को मिलेगा जिरह करने का मौका, सुप्रीम कोर्ट नियुक्त करेगा इंटरप्रेटर, CJI मंजूरी के बाद आदेश जारी

नईदिल्ली : सुप्रीम कोर्ट पहली बार एक इंटरप्रेटर (व्याख्याकार) की नियुक्ति करेगा, जिससे सुनने या बोलने में असमर्थ वकील को जिरह में मदद मिल सके. बेंगलुरु की रहने वाली बधिर वकील साराह सनी के अनुरोध पर कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है. इससे पहले चीफ जस्टिस की अनुमति से साराह अपने इंटरप्रेटर के साथ पेश हो चुकी हैं.

22 सितंबर को जब साराह सनी चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की कोर्ट में पेश हुई थीं, तब चीफ जस्टिस ने कहा था, “यह तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था. हमने ऐसा करने में बहुत समय लगा दिया.”

इससे पहले अपने एक सहयोगी वकील के ज़रिए जब साराह ने इंटरप्रेटर के साथ पेश होने की अनुमति मांगी थी, तब भी चीफ जस्टिस ने कहा था, “क्यों नहीं? इंटरप्रेटर बिल्कुल कोर्ट में आ सकता है. इसमें कोई समस्या नहीं.”

अब सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने औपचारिक आदेश जारी कर इंटरप्रेटर की नियुक्ति के लिए कहा है.

आदेश में कहा गया है, “संकेत-भाषा की व्याख्या में सक्षम इंटरप्रेटर की नियुक्ति के लिए हमें अनुरोध मिला है. रजिस्ट्री कार्यालय इसके लिए ज़रूरी कदम उठाएगा.” इंटरप्रेटर का खर्च सुप्रीम कोर्ट उठाएगा.