नईदिल्ली : एशियाई खेलों में पहलवान बजरंग पूनिया के प्रदर्शन ने खेल प्रेमियों को निराश किया है। बजरंग से स्वर्ण पदक की आस लगाए बैठे खेल प्रेमियों को उनका खाली हाथ लौटना खल रहा है। एशियाई खेलों में पहलवानों के प्रदर्शन को लेकर भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह पहले ही आशंका जता चुके थे।
वहीं, पहलवान विशाल कालीरमण के पिता ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि बजरंग को एशियाई खेलों में भेजने से देश को पदक का नुकसान हुआ है। बृजभूषण सिंह 27 सितंबर को गांव बोहर में हरियाणा कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमेश बोहर के घर पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि था बिना ट्रायल शिविर और प्रतियोगिता के हमें खिलाड़ियों से पदक की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। कुश्ती काफी पीछे चली गई है। इसका परिणाम विश्व चैंपियनशिप व कॉमनवेल्थ में देख सकते हैं। जितने मेडल वे पहले एशियन गेम्स में कुश्ती से जीतते थे, अब वह बात बनने वाली नहीं है।
विशाल के पिता बोले- यह देश का नुकसान
पहलवान विशाल कालीरमण के पिता सुभाष चंद्र ने कहा 65 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल तो पक्का था। देश को मेडल का नुकसान हुआ है। मैं तो शुरू से ही कह रहा था कि जो मैट पर अभ्यास करके व लड़कर जीता है, उसे ही एशियन गेम्स में भेजना चाहिए। बजरंग को कहा था कि उसकी प्रैक्टिस नहीं है, विशाल को जाने दे। चाहे तो उसके साथ कुश्ती कर लेता, लेकिन वह नहीं माना और जिद पर अड़ा रहा। गौरतलब है कि 65 किलोग्राम भार वर्ग के ट्रायल में विशाल जीते थे, लेकिन एडहॉक कमेटी ने बजरंग को बिना ट्रॉयल एशियाई खेलों में भेजा था।