नई दिल्ली। यूएपीए मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती की याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया।
न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने मामले में दिल्ली पुलिस व न्यूजक्लिक की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि अदालत अपना निर्णय सुनाएगी। स्पेशल सेल की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं और बैठे लोगों के बीच हुए ईमेल के आदान-प्रदान में गंभीर मामले सामने आए हैं।
सॉलिसिटर जनरल ने स्पेशल सेल का पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं और चीन में बैठे लोगों के बीच ईमेल आदान-प्रदान में सबसे गंभीर आरोपों में से एक यह सामने आया है कि वह अरुणाचल प्रदेश को भारत की सीमा से बाहर दिखाते हुए नक्शा पेश करने की योजना बना रहे थे।
दिल्ली HC ने पिछली सुनवाई के दौरान प्रबीर पुरकायस्थ की याचिका पर छापेमारी और गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
बीते दिनों दिल्ली पुलिस की स्पेशल द्वारा आरोपितों के खिलाफ की कार्रवाई और एफआईआर कॉपी साझा की थी। पुलिस ने आरोप लगाया था कि ये लोग वैश्विक और घरेलू स्तर पर एक कहानी रचते हुए कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश विवादित क्षेत्र बता रहे थे। साथ ही उन्होंने भारत की उत्तरी सीमाओं के साथ छेड़छाड़ कर कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को नक्शे में भारत के हिस्सों के रूप में नहीं दिखाने की कोशिश की है जो भारत की एकता और क्षेत्रीय अखंडता को पर प्रहार करता है।
पुलिस ने आरोपितों पर यह भी आरोप लगाय है कि न्यूजक्लिक के एडिटर इन चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और उनके साथी जोसेफ राज, अनूप चक्रवर्ती (अमित चक्रवर्ती के भाई) , बप्पादित्या सिन्हा (वर्चुनेट सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर) द्वारा गैर कानूनी रूप से धन का गबन किया गया था।यह भी पता चला है कि इस धन को तीस्ता सीतलवाड़ के साथी गौतम नवलखा, जावेद आनंद, तमारा, जिब्रान, उर्मिलेश, अरात्रिका हलदर, परंजय गुहा ठाकुरता, त्रिना शंकर और अभिसार शर्मा के बीच बांटा गया था।