लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जंयती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने की इजाजत नहीं मिली. इसे लेकर लखनऊ प्रशासन और समाजवादी पार्टी एक-दूसरे के सामने खड़े हो गए. अखिलेश यादव को JPNIC जाने से रोकने के लिए एलडीए की तरफ से गेट पर लोहे की चादरें लगा रखी थीं. बाद में अखिलेश गेट फांदकर अंदर घुसे. सपा नेताओं ने लोहे की टीन को गेट से हटाया.
आज यानी 11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण की जंयती होती है. इस मौके पर अखिलेश यादव उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर जाना चाहते थे, इसके लिए बकायदा उन्होंने एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने अनुमति मांगी गई थी, लेकिन उन्हें इजाजत नहीं मिली.
जानकारी के मुताबिक, एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर सपा प्रमुख को अनुमति नहीं दी. मंगलवार शाम को एलडीए ने सपा के प्रदेश कार्यालय को एक पत्र भेजा और उन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देकर कार्यक्रम की अनुमति देने से मना कर दिया. एलडीए ने मंगलवार शाम को ही जेपीएनआईसी सेंटर के गेट पर ताला लगा दिया. इसके साथ ही दीवारों पर लोहे की चादरें लगा दी गईं ताकि कोई भी दीवार फांदकर बाहर से अंदर ना सके.
इजाजत न मिलने से भड़के अखिलेश
एलडीए के इस कदम से समाजवादी कार्यकर्ताओं के साथ ही अखिलेश यादव ने भारी नाराजगी जाहिर की. अखिलेश ने इस बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया. इसमें उन्होंने लिखा है कि समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर अब क्या सपा को माल्यार्पण करने से रोकने के लिए ये टिन की चादरें लगाकर JPNIC का रास्ता रोका जा रहा है.
क्या माल्यार्पण के लिए भी क्रान्ति करना होगी
अखिलेश ने आगे कहा कि बीजेपी जयप्रकाश जी की तरह दोबारा भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोज़गारी और महंगाई के खिलाफआंदोलन ना होने लगे इससे बीजेपी डर रही है. उन्होंने कहा की बीजेपी के राज्य में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है.इसके अलावा उन्होंने कहा कि क्या माल्यार्पण के लिए भी अब सम्पूर्ण क्रान्ति करना होगी.
समाजवादी पार्टी का कहना है कि अखिलेश यादव जेपीएनआईसी का निरीक्षण न करने लगे बीजेपी को इस बात का डर था. इसीलिए अपनी अव्यवस्थाओं को छुपाने के लिए एलडीए ने अखिलेश यादव को माल्यार्पण की इजाजत नहीं दी.