छत्तीसगढ़

सैनिकों के हाथों में पॉलिटिकल पोस्टर, फौज किसी की प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं, कांग्रेस ने कसा तंज

नईदिल्ली : भारतीय सेना, केंद्र सरकार की फ्लैगशिप स्कीमें, उज्ज्वला योजना, नारी शक्ति सशक्तिकरण, जल मिशन और दूसरी योजनाओं का प्रचार करेगी, कांग्रेस पार्टी ने इस आदेश को लेकर केंद्र पर हमला बोला है। कांग्रेस पार्टी के एक्ससर्विस मैन विभाग के चेयरमैन कर्नल रोहित चौधरी (रिटायर्ड) ने शुक्रवार को कहा, केंद्र सरकार ने देश की सेनाओं के ऊपर प्रहार किया है। जिन हाथों में बंदूकें होनी चाहिए थी, जिन हाथों को देश की सुरक्षा के लिए खड़े होना चाहिए था, उनके हाथ में अपनी राजनीति चमकाने के लिए पोस्टर थमा दिए हैं, बैनर थमा दिए हैं।

डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस द्वारा जारी सर्कुलर को सीजीडीए ने अपनी वेबसाइट से गायब कर दिया है। छह अक्टूबर के आदेश में कहा गया है कि देश में 822 सेल्फी प्वाइंट बनेंगे। इन सेल्फी प्वाइंट को बनाने के लिए देश की सुरक्षा एजेंसियों को डायरेक्टली आर्मी, एयरफोर्स, नेवी व एमईएस से कहा गया है। चौधरी ने पूछा, क्या हमारे देश के सैनिक अब भाजपा का प्रचार करेंगे।

वेबसाइट पर इस ऑर्डर को नहीं दिखाया गया
कर्नल रोहित चौधरी (रिटायर्ड) ने कहा, क्या सरकार की योजनाओं का प्रचार अब सेना करेगी। क्या हमने फौज का स्तर इतना गिरा दिया है कि जो सैनिक देश की सरहदों पर खड़े होने का काम करते हैं, माइनस 40-50 डिग्री पर खड़े होते हैं, 60 डिग्री टेंपरेचर में राजस्थान में गर्मियों में खड़े होते हैं, क्या वे अब केंद्र सरकार की इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगे। यह आदेश गैर कानूनी है। खास बात है कि आर्मी, एयरफोर्स, नेवी, इन तीनों ने अपनी वेबसाइट पर इस ऑर्डर को नहीं दिखाया है। इसका मतलब उन्होंने इसे गैर कानूनी एवं अवैध माना है। देश की फौज का सुप्रीम कमांडर और कमांडर इन चीफ, राष्ट्रपति हैं।

मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस सिर्फ एग्जिक्यूटिव मकसद से रूटीन वर्किंग के लिए मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के साथ डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स, जिसके अंदर आर्मी, एयरफोर्स, नेवी आती है, उसको रखा गया है। ये पॉलिसी और रोल डिफाइन नहीं कर सकते। आर्मी, एयरफोर्स, नेवी डिफेंस फोर्सेस का रोल डिफाइन करने के लिए स्टेच्युटरी ऑर्गनाइजेशन हैं, जिसमें आर्मी एक्ट, आर्मी रुल, डिफेंस सर्विसेस रेगुलेशन एक्ट, उसके बाद सबोर्डिनेट पॉलिसी एंड एक्ट होते हैं, जिसको स्पेशल आर्मी इंस्ट्रक्शन, स्पेशल नेवी इंस्ट्रक्शन, एयरफोर्स इंस्ट्रक्शन या स्पेशल आर्मी ऑर्डर एयरफोर्स ऑर्डर और नेवल ऑर्डर के जरिए घोषित किया जाता है।

राजनीतिक प्रचार प्रसार पर प्रतिबंध है
बतौर चौधरी, आर्मी एक्ट, नेवी एक्ट और एयरफोर्स एक्ट के तहत आने वालों के लिए किसी भी तरह की राजनीतिक और गैर राजनीतिक गतिविधि में शामिल होना, संबोधित करना या राजनीतिक मकसद के लिए उसका प्रचार-प्रसार करना, ये पूरी तरह से प्रतिबंधित है। केंद्र सरकार इन नियमों से बाहर जा रही है। फौजी और फौज, ये दोनों देश की धरोहर हैं। ये किसी पॉलिटिकल पार्टी की प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं हैं। वे इस मामले में तीनों चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, एअरफोर्स स्टाफ एंड नेवल स्टाफ, को चिट्ठी लिखेंगे। उनसे इस तरह की पॉलिसी को वापस कराने के लिए प्रेसिडेंशियल रेफ्रेंस के लिए प्रार्थना की जाएगी। अगर हम सेना का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक इच्छाओं और मंशाओं को पूरा करने के लिए करेंगे तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। 75 वर्षों में आज तक कभी भी सेना का राजनीतिकरण नहीं किया गया। सेना को इन चीजों से दूर रखा गया है। वजह, फौज डेमोक्रेसी और संविधान की रक्षक है। रक्षा मंत्रालय, सिर्फ एग्जीक्यूटिव एजेंसी है। 

डिसेबिलिटी पेंशन्स को कम कर दिया गया
केंद्र सरकार, डिसेबिलिटी पेंशन को इंकम टैक्स के दायरे में ले आई है। डिसेबिलिटी पेंशन को इम्पेयरमेंट रिलीफ बना दिया गया है। चौधरी ने कहा, उस इम्पेयरमेंट रिलीफ के आते ही, जैसे ही सैनिक की डेथ होती है, तो ये डिसेबिलिटी पेंशन, जिसमें सर्विस पेंशन और डिसेबिलिटी पेंशन था, उसका 60 प्रतिशत उसको मिलता था, लेकिन अब वो इस इम्पेयरमेंट रिलीफ के आने के बाद सिर्फ सैनिक की मृत्यु होने के बाद, सर्विस पेंशन का 60 प्रतिशत रह जाएगा। ऐसे में जो वीर नारियां रहेंगी, उन्हें जो पेंशन सैनिक के जिंदा रहते समय मिलती थी, उसकी मृत्यु के बाद एकदम एक-तिहाई हो जाएगी। उस एक-तिहाई पेंशन के ऊपर टैक्स भी लगेगा। मसलन, 100 रुपए की सर्विस पेंशन, 100 रुपए की डिसेबिलिटी पेंशन, 100 प्रतिशत डिसेबिलिटी वाले को, उसकी वीर नारी को उसकी डेथ के बाद दो सौ रुपये की जगह सिर्फ 51 रुपए मिलेंगे। कभी सैनिकों को योगा की मैट बिछाने के काम में लगाया जाता है तो कभी मेरी माटी, मेरा देश प्रोग्राम चलाया जाता है। सैनिक हर गांव में, हर घर में जाएंगे और मिट्टी लेकर आएंगे। सैनिकों से ये सब काम कराने से सेना मजबूत नहीं हो रही है।