छत्तीसगढ़

पाकिस्तान की फील्डिंग में नहीं हो सकता सुधार, हाथों में मक्खन लगाकर मैदान पर उतरते हैं खिलाड़ी

नईदिल्ली : वर्ल्ड कप का 18वां मैच ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच में खेला गया. बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जाने वाले इस मैच में पाकिस्तान के कप्तान बाबर आज़म ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था, लेकिन उनका फैसला बिल्कुल गलत साबित हुआ क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के ओपनर बल्लेबाजों ने पहली विकेट के लिए 259 रनों की विशाल साझेदारी करके पाकिस्तान को पूरी तरह से बैकफुट पर धकेल दिया. ऑस्ट्रेलिया के दोनों ओपनर्स, डेविड वॉर्नर और मिचेल मार्श ने शतक लगाकर अपनी टीम को एक बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया.

पाकिस्तान के फील्डर्स ने की ऑस्ट्रेलिया की मदद

हालांकि, पाकिस्तान के फील्डर्स ने भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की खूब मदद की. डेविड वॉर्नर जब सिर्फ 10 रन के निजी स्कोर पर थे, तो उसामा मिर ने शाहीन शाह अफरीदी की गेंद पर आया एक बेहद आसान कैच छोड़ दिया. उसके बाद डेविड वॉर्नर ने 150 से ज्यादा रन बना दिए. शतक बनाने के बाद भी पाकिस्तान के ओपनर बल्लेबाज अबदुल्ला शफ़ीक ने एक बार फिर वॉर्नर का कैच छोड़ दिया. उसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दो गेंदों पर दो विकेट गवां दिए, और फिर स्टीव स्मिथ बल्लेबाजी करने आए. पाकिस्तान के कप्तान बाबर आज़म स्लिप में खड़े थे, और स्मिथ का भी एक बेहद आसान कैच छोड़ दिया. 

इस तरह से पाकिस्तान ने 40वें ओवर तक कुल तीन कैच छोड़ चुके थे, जिसका ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पूरी तरह से फायदा उठाया और अपनी टीम को एक बेहद बड़े स्कोर की ओर लेकर चले गए. पाकिस्तान के फील्डर्स ने कैच छोड़ने के अलावा ग्राउंड फील्डिंग भी अच्छी नहीं की, जिसके कारण चिन्नास्वामी स्टेडियम जैसे छोटे मैदान पर भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने कई बार भागकर दो रन पूरे किए. पाकिस्तान की फील्डिंग पिछले कई दशकों से खराब रही है. इस वर्ल्ड कप के पहले मैच ही पाकिस्तान की फील्डिंग सबसे बड़ी समस्याओं में से एक रही है, लेकिन उनकी टीम ने चौथे मैच तक में भी कोई सुधार नहीं किया है.