छत्तीसगढ़

जब रवींद्र जडेजा ने पलट दी थी हारी हुई बाज़ी, भारत-न्यूजीलैंड वनडे इतिहास के सबसे रोमांचक मैच की कहानी

नईदिल्ली : वर्ल्ड कप 2023 में भारत और न्यूजीलैंड रविवार (22 अक्टूबर) को भिड़ने वाले है. इस बड़े मुकाबले से पहले पढ़ें दोनों टीमों के बीच हुए इस सबसे रोमांचक मैच की कहानी. लगभग साढ़े नौ साल पुरानी है. भारतीय टीम न्यूजीलैंड के दौरे पर थी और पांच मैचों की वनडे सीरीज के शुरुआती दो मुकाबले गंवा चुकी थी. सीरीज का तीसरा मुकाबला ऑकलैंड की पिच पर खेला जा रहा था.

उस दौर में ब्रेंडन मैक्कुलम कीवी टीम के कप्तान हुआ करते थे. उनकी आक्रमकता जगजाहिर है. जब तीसरा मुकाबला शुरू हुआ तो कीवी टीम ने आक्रामक रवैया ही अपनाया और पहले बल्लेबाजी करते हुए तेज-तर्रार अंदाज में स्कोरबोर्ड पर 314 रन टांग दिए. कीवी टीम ने नियमित अंतराल में विकेट खोए लेकिन ताबड़तोड़ बैटिंग करना जारी रखी. नतीजा यह हुआ कि 50वें ओवर की आखिरी गेंद पर कीवी टीम ने 10वां विकेट गंवाया.

यहां न्यूजीलैंड के लिए मार्टिन गुप्टिल ने 111 और केन विलियमसन ने 65 रन की पारी खेली थी. टीम इंडिया के सभी 6 गेंदबाजों ने विकेट चटकाए थे. किसी को एक तो किसी को दो विकेट मिले थे. यहां तक तो सबकुछ सामान्य था लेकिन असल रोमांच भारतीय बल्लेबाजी के साथ शुरू हुआ.

अच्छी शुरुआत के बाद बिखरी भारतीय पारी
‘करो या मरो’ के मुकाबले में 315 रन के लक्ष्या का पीछा टीम इंडिया ने सूझ-बूझ के साथ दिया. पहले विकेट के लिए रोहित और शिखर की जोड़ी ने 56 गेंद पर 64 रन जोड़े लेकिन यहीं पर शिखर को कोरी एंडरसन ने पवेलियन भेज दिया. शिखर का यह विकेट कुछ ऐसा गया कि इसके बाद भारतीय टीम के विकटों की झड़ी लग गई. देखते ही देखते रोहित शर्मा (39), विराट कोहली (6) और अजिंक्य रहाणे (3) भी पवेलियन लौट गए. अब टीम इंडिया 79 रन पर 4 विकेट गंवा चुकी थी.

धोनी ने कुछ देर संभाली पारी
यहां से कप्तान एमएस धोनी ने सुरेश रैना के साथ मिलकर पारी को संभाला. हालांकि रैना 31 रन बनाकर चलते बने. इसके बाद धोनी ने कुछ देर आर अश्विन के साथ पारी आगे बढ़ाई और फिर वह 50 रन बनाकर कोरी एंडरसन का ही शिकार बन गए. 184 रन तक आते-आते टीम इंडिया अपने सभी टॉप ऑर्डर के 6 बल्लेबाजों को खो चुकी थी. यहीं से आर अश्विन और जडेजा ने गेम को पलटा.

आर अश्विन ने दिया वापसी का मौका
आर अश्विन और जडेजा के बीच 55 गेंद पर 85 रन की तूफानी साझेदारी हुई. यहां अश्विन ने 46 गेंद पर ताबड़तोड़ 65 रन जड़े. 269 के कुल योग पर वह नाथन मैक्कुलम का शिकार बने. अश्विन का विकेट गिरने के बाद एक बार फिर मजबूत नजर आ रही टीम इंडिया बिखर गई और 17 रन के भीतर भुवनेश्वर कुमार (4) और मोहम्मद शमी (2) का विकेट भी खो दिया. हालत यह थी की 286 रन पर टीम इंडिया 9 विकेट गंवा चुकी थी.

जडेजा ने पलट दी हारी हुई बाजी
भारतीय टीम को अब जीत के लिए 13 गेंद पर 28 रन की दरकार थी और महज एक विकेट बाकी था. भारत की सारी उम्मीदें रवींद्र जडेजा पर थी. जडेजा इन उम्मीदों पर खरा भी उतरे. उन्होंने ज्यादातर स्ट्राइक अपने पास रखी और आखिरी विकेट नहीं गिरने दिया. आखिरी तीन गेंदों पर अब टीम इंडिया को जीत के लिए 12 रन की दरकार रह गई थी. लग रहा था कि भारत यह मुकाबला गंवा बैठा है लेकिन जडेजा ने पहले तो कोरी एंडरसन को चौका जड़ा और फिर अगली ही गेंद पर छक्का जमा दिया. जडेजा ने पूरे मैच को यहां पलट दिया था. अब टीम इंडिया को आखिरी गेंद पर दो रन बनाने रह गए थे. यहां जडेजा ने कोशिश तो की लेकिन वह महज एक ही रन ले पाए और मैच टाई हो गया.

यहां भारतीय टीम जीत से तो दूर रह गई लेकिन उसने सीरीज को अगले मैच तक के लिए गंवाने से बचा लिया. जडेजा ‘प्लेयर ऑफ दी मैच’ चुने गए. बता दें कि भारत-न्यूजीलैंड के बीच हुए वनडे मुकाबलों में यह एकमात्र टाई मुकाबला है.