नईदिल्ली : अडानी ग्रुप और गौतम अडानी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला ग्रुप से जुड़ी ऑडिट फर्म का है. जिस पर सरकारी एजेंसी ने अपना शिकंजा कस लिया है. यह फर्म गौतम अडानी की 5 कंपनियों का ऑडिट करती है. रिपोर्ट के अनुसार नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी यानी एनएफआरए ने एसआर बाटलीबोई के खिलाफ जांच शुरू की है.
एनएफआरए ने ऑडिट कंपनी से अडानी ग्रुप की कुछ कंपनियों की ऑडिट से जुड़ी फाइलों की डिमांड की है. एजेंसी ने ऑडिट कंपनी से साल 2014 से अब तक की सभी ऑडिट फाइलों को देने के लिए कहा है. अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि एजेंसी की जांच कब खत्म होगी और इस जांच की जद में कौन—कौन आएगा. दूसरी ओर इस मामले में अभी तक किसी का भी आधिकारिक बयान नहीं आया है.
अडानी की 5 कंपनियों का ऑडिट करती है कंपनी
ऑडिट कंपनी एसआर बाटलीबोई अडानी ग्रुप की 5 लिस्टेड कंपनियों का ऑडिट करती है. खास बात तो ये है कि ग्रुप का 50 फीसदी से ज्यादा रेवेन्यू इन्हीं पाच कंपनियों से है. जनवरी के आखिरी हफ्ते में हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट में ग्रुप की अकाउंटिंग पर गंभीर सवाल उठाए गए थे. यहां तक की रिपोर्ट में दुनिया का सबसे बड़ा अकाउंटिंग फ्राड करार दिया गया था. जिसके बाद अडानी ग्रुप ने इन तमाम आरोपों का खंडन कर दिश्या था. बाद में मामला कोर्ट पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच करने को कहा.
इन कंपनियों का करती है ऑडिट
ऑडिट फर्म एसआर बाटलीबोई अडानी पॉवर, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी विल्मर और एसीसी तथा अंबूजा सीमेंट्स के काम का ऑडिट करती है. इससे पहले इस फर्म ने 10 साल तक अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन की भी ऑडिटिंग की थी. लॉ के मुताबिक विदेशी अकाउंटिंग फर्म देश में ऑडिटर के रूप में रजिस्टर्ड नहीं हो सकती हैं. यही वजह से है कि फॉरेन कंपनीज भारत में इंडिपेंडेंटली काम करने वाली कंपनियों के थ्रू काम करती है. ऑडिट फर्म एसआर बाटलीबोई ईवाई की मेंबर फर्म है.
दुनिया के सबसे बड़े अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप
जनवरी में आई रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी ग्रुप ने दुनिया का सबसे बड़ा अकाउंटिंग फ्रॉड किया है. रिपोर्ट में अकाउंटिंग और ऑडिट दोनों पर सवाल उठाए गए थे. जिसके बाद ग्रुप कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई थी और ग्रुप का मार्केट कैप 150 अरब डॉलर कम हो गया था. अडानी ग्रुप ने इन तमाम आरोपों का खंडन किया था और कहा कि उनकी कंपनियों का ऑडिट सर्टिफाइड और क्वालिफाइड प्रोफेशनल करते हैं. मई के महीने में अडानी टोटल गैस ने शाह धनधारिया एंड कंपनी की जगह वॉल्कर चंडियोक एंड कंपनी को ऑडिटर फाइनल किया था. मई महीने में ही डेलॉयट हैसकिंस ने अडानी पोर्ट्स के लेनदेन पर सवाल किए थे और अगस्त में रिजाइन कर दिया था.