छत्तीसगढ़

इस्राइल-हमास वॉर : हमास के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सुरंग नेटवर्क, जानें इस्राइल के लिए कैसे चुनौती बनी ये चाल

नईदिल्ली : हमास-इस्राइल के बीच भीषण लड़ाई जारी है। इस संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की जान चली गई है। हालांकि, सब कुछ यहीं नहीं रुकने वाला नहीं है। जहां हमास बंधकों को छोड़ने के लिए इस्रराइल की ओर से हमले बंद करने की बात कर रहा है, वहीं इस्राइल हमास को तबाह करने के लिए जमीनी हमले की तैयारी कर रहा है।

इस्राइल कई दिनों से गाजा में घुसने की तैयारी में जुटा हुआ है। हालांकि, इसके सामने हमास द्वारा बनाई गई लंबी-लंबी सुरगों की समस्या है। यही कारण है कि इस्राइली सेना गाजा में जमीनी हमले को बार-बार टाल रही है। आइये जानते हैं कि गाजा में जमीनी हमला क्यों नहीं कर पा रहा इस्राइल?

दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सुरंग नेटवर्क संचालित करता है हमास 
7 अक्तूबर को हमला कर आतंकी संगठन हमास ने इस्राइल को भारी नुकसान पहुंचाया। इसने इस्राइल में घुसकर कत्लेआम मचाया और 220 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया। तब से इस्राइल ने हमास को जड़ से खत्म करने का एलान कर दिया। इसी कड़ी में इस्राइली सेना हमास के गाजा पट्टी स्थित अड्डों को नष्ट करने के लिए जमीनी हमला करने की तैयारी में है।

हालांकि, सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर गाजा पट्टी पर जमीनी आक्रमण होता है तो हमास द्वारा बनाई गई सुरंगों का जाल आईडीएफ के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकता है। इस्राइली मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर कोरिया के बाद  हमास दुनिया का सबसे बड़ा सुरंग नेटवर्क संचालित करता है। इसके नेटवर्क में 1,300 सुरंगें शामिल हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 500 किलोमीटर तक फैली हुई हैं। इनमें से कुछ सुरंगें 70 मीटर भूमिगत तक स्थित हैं। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर सुरंगें महज दो मीटर ऊंची और दो मीटर चौड़ी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हो सकता है कि हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को इन सुरंगों के भीतर रखा गया हो, जिनका उपयोग संभवतः हथियारों, भोजन, पानी और ईंधन के भंडारण स्थानों के रूप में किया जाता है। पहले हमास के सुरंग नेटवर्क की जांच करने वाले शोधकर्ताओं का मानना है कि संगठन के कुछ कमांडर इन सुरंगों के भीतर तैनात हैं।

इस्राइल के लिए क्यों चुनौती बनीं सुरंगें?
विशेषज्ञों का कहना है कि गाजा पट्टी में इस्राइली जमीनी आक्रमण की स्थिति में सुरंगें युद्ध की परिस्थिति को और जटिल कर देंगी। अमेरिकी सेना के एक पूर्व अधिकारी जॉन स्पेंसर ने कहा कि भूमिगत सुरंगों के साथ गाजा में चुनौती अद्वितीय है। स्पेंसर ने कहा कि विशाल और विस्तारित सुरंग नेटवर्क एक ऐसी समस्या है जिसका कोई सटीक समाधान नहीं है।

स्पेंसर ने कहा कि सुरंगों के जरिए ही हमास लड़ाकों को विभिन्न युद्ध स्थलों के बीच सुरक्षित और निर्बाध रूप से स्थानांतरित करता है।

किंग्स कॉलेज लंदन के युद्ध मनोवैज्ञानिक माइक मार्टिन ने कहा कि इन सुरंगों की वजह से गोलाबारी, रणनीति, प्रौद्योगिकी और संगठन में इस्राइल की महारत को हमास बेअसर कर पाता है। इसलिए आईडीएफ को नागरिक क्षेत्रों के भीतर सैन्य अभियानों के संबंध में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

माल की तस्करी के लिए बनाई गई थीं सुरंगें  
गाजा पट्टी में सुरंगों को शुरू में तटीय क्षेत्र और मिस्र के अंदर और बाहर माल की तस्करी के लिए बनाया गया था। समय के साथ ड्रोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक जासूसी उपकरणों के जरिए इस्राइली हवाई निगरानी में वृद्धि के कारण हमास ने सुरंग नेटवर्क का विस्तार करना शुरू कर दिया। हालांकि, आईडीएफ को 2014 में गाजा में सैन्य अभियान के बाद ही इन सुरंगों के खतरे और जटिलता का एहसास हुआ। इसके चलते इस्राइली सरकार ने सुरंगों के जरिए घुसपैठ को रोकने के लिए गाजा पट्टी सीमा पर एक भूमिगत अवरोध का निर्माण शुरू कर दिया। 

विशेषज्ञों का कहना है कि सुरंगों का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि वे संरचनाओं के नीचे बनाई जा सकती हैं। उन्हें पहचानने के अलग-अलग तरीके हैं, जैसे कि जमीन में घुसने वाले रडार और चुंबकीय, थर्मल और ध्वनिक फिंगरप्रिंट को मापने के लिए तकनीकों का उपयोग करना। 

विशेषज्ञ डैफने रिचमंड-बराक ने कहा है कि सुरंगों को मिटाने के लिए आंसू गैस या रसायनों का उपयोग किया जाता है, लेकिन ये तरीके वर्तमान में अवैध  हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इन सुरंगों पर बमबारी की जा सकती है जबकि इस्राइल के पास ‘बंकर-बस्टर बम’ हैं जो जमीन के अंदर घुसने के लिए बनाए गए हैं। हालांकि, गाजा पट्टी की घनी आबादी के कारण यह विकल्प मुश्किल है।

क्या सुरंगों को नष्ट करने में कोई तकनीक नहीं है?
रैंड कॉर्पोरेशन के शोधकर्ताओं के अनुसार, इस्राइल ने अतीत में इन सुरंगों को बंद करने के लिए ‘सटीक-निर्देशित युद्ध सामग्री’ का उपयोग किया था, लेकिन तकनीक ज्यादा सफल नहीं थी। शोधकर्ताओं ने कहा कि सुरंगों के भीतर लड़ना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि वे बहुत अंधेरे और ठंडे हैं, बंदूक की गोलीबारी से और भी बदतर हो जाते हैं, जबकि अंदर हथियारों का उपयोग करने से धूल उड़ती है और यह बहुत खतरनाक हो सकता है। इन जोखिमों के कारण आईडीएफ सैनिकों को पहले केवल विशेष टीमों द्वारा सुरक्षित किए जाने के बाद ही सुरंगों में प्रवेश करने की अनुमति थी।

2014 के बाद से आईडीएफ ने इन सुरंगों के लिए विशेष लड़ाकू इकाइयों को तैनात किया है। इसने बनावटी सुरंगों के आसपास प्रशिक्षित किया है और रोबोट और कुत्तों का उपयोग करके सुरंगों के भीतर होने वाली घटनाओं और उनके भीतर लड़ने के लिए विशेष तत्वों को समझने के लिए खास सेंसर का उपयोग करना सीखा है। 

विशेषज्ञों ने कहा कि इस्राइल को इस भूमिगत बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए एक दीर्घकालिक और व्यापक हवाई और जमीनी ऑपरेशन में शामिल होने की आवश्यकता होगी।