छत्तीसगढ़

8-9 साल से विराट की मां को सता रहा कोहली की बीमारी का डर, रोज फोन पर होती है खाने-पीने की बात

नईदिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज और पूर्व कप्तान विराट कोहली ने अपनी सेहत को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने यह भी बताया कि वह अपनी मां का कितना ध्यान रखते हैं। कोहली ने वनडे विश्व कप 2023 के बीच एक इंटरव्यू में चौकाने वाला खुलासा किया। कोहली ने बताया कि उनकी मां को लगता है कि वह 8-9 साल से बीमार हैं। इस वजह से उनकी मां रोज उन्हें फोन करती हैं और खाने-पीने के बारे में पूछती रहती हैं। हालांकि, विराट दुनिया के सबसे फिट क्रिकेट खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। मैदान में बल्लेबाजी के दौरान भी कोहली की फिटनेस साफ दिखती है। वह अपने अधिकतर रन भागकर बनाते हैं। इसी वजह से वह निरंतरता के साथ बड़ी पारियां खेलने में सक्षम हैं।

विराट ने मां के प्रति अपना प्रेम जाहिर करते हुए कहा कि मां की देखभाल करना ही मेरे लिए सब कुछ है। आज अगर छोटी सी जीत से कोहली की मां खुश होती हैं तो वह विराट के लिए भी खुशी की बात होती है। कोहली की मां फोन पर अक्सर उनसे कहती हैं कि वह पतले हो गए हैं और बीमार हैं। हालांकि, यह उनका आशीर्वाद है कि कोहली पूरी तरह फिट हैं और देश के लिए रनों का अंबार लगा रहे हैं।

साल 2008 में भारत के लिए अपने करियर की शुरुआत करने वाले विराट कोहली ने कम उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था। इसके बाद उनकी मां ने ही उनका सपोर्ट किया। हालांकि, तब तक विराट रणजी क्रिकेट खेलने लगे थे। इस वजह से उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन विराट के पिता अपने बेटे को सफलता की बुलंदियां छूते नहीं देख पाए। 

मेरा लक्ष्य बेहतर होना, उत्कृष्टता के पीछे भागना नहीं
विश्वकप में अच्छी फॉर्म में चल रहे विराट कोहली का कहना है कि उनका लक्ष्य हमेशा बेहतर होना रहा है, उत्कृष्टता के पीछे भागना नहीं। कोहली अभी टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने पांच मैच में 118.00 की औसत से 354 रन बनाए हैं जिसमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं।

कोहली ने कहा, ‘मैंने हमेशा इस पर काम किया है कि मैं हर दिन, हर अभ्यास सत्र, हर साल और हर सत्र में खुद को कैसे बेहतर बना सकता हूं। इसी ने मुझे इतने लंबे समय तक खेलने और प्रदर्शन करने में मदद की है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस मानसिकता के बिना लगातार अच्छा प्रदर्शन करना संभव है क्योंकि अगर प्रदर्शन ही आपका लक्ष्य है तो कोई भी कुछ समय बाद संतुष्ट हो सकता है और अपने खेल पर काम करना बंद कर सकता है।’ कोहली ने कहा, ‘मेरा लक्ष्य हमेशा बेहतर होना रहा है, ना कि उत्कृष्टता का पीछा करना क्योंकि ईमानदारी से कहूं तो मैं नहीं जानता कि उत्कृष्टता की परिभाषा क्या है। इसकी कोई सीमा नहीं है, न ही कोई निर्धारित मानक है कि जब आप यहां पहुंचेंगे तो आप उत्कृष्टता हासिल कर लेंगे।’ कोहली मौजूदा विश्वकप में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में दक्षिण अफ्रीका के क्विंटन डिकॉक से 53 रन पीछे दूसरे स्थान पर हैं। कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ शतक जड़ा था और वह वनडे क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर के सर्वाधिक शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ने से दो शतक पीछे हैं।