नईदिल्ली : कतर की एक अदालत की ओर से आठ पूर्व भारतीय नौसैन्य कर्मियों को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद एक दिन बाद शुक्रवार (27 अक्टूबर) को मामले से परिचित लोगों ने कहा कि भारत फैसले के खिलाफ विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है, जिसमें कोर्ट ऑफ अपील की ओर रुख करना भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि मुद्दे का हल खोजने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. जानकारी मिली है कि भारत को कतर की अदालत के फैसले की कॉपी अभी तक नहीं मिली है. वहीं, अदालत के फैसले पर कतर की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है.
इस तरह मामले को सुलझा सकता है भारत
मामले से परिचित लोगों ने कहा कि नई दिल्ली फैसले की बारीकी से जांच के बाद अपने विकल्पों पर मुहर लगा सकती है. उन्होंने कहा कि भारत मामले को कूटनीतिक या राजनीतिक तौर पर भी सुलझाने पर विचार कर सकता है.
कतर के अमीर हर वर्ष अपील के आधार पर कई कैदियों को माफ कर देते हैं. एक सूत्र ने कहा कि सजायाफ्ता कैदियों के ट्रांसफर को लेकर नई दिल्ली के पास भारत-कतर समझौते का इस्तेमाल करने का विकल्प भी है.
कतर की अदालत के फैसले पर भारत ने जताई थी हैरानी
भारत के पूर्व नौसैन्य कर्मियों को गुरुवार (26 अक्टूबर) को कतर की एक अदालत ने सजा सुनाई थी. भारत ने फैसले को बेहद हैरान करने वाला बताया था और मामले में सभी कानूनी विकल्प तलाशने की बात कही थी. आठों पूर्व नौसैन्य कर्मी एक निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम कर रहे थे. कथित तौर पर जासूसी के एक कथित मामले में पिछले साल अगस्त में उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा था?
बता दें कि इस मामले में कतर या भारत ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि वह उन लोगों के परिवारवालों और कानूनी टीम के संपर्क में है और सभी कानूनी विकल्प तलाशे जा रहे हैं.
इसी के साथ विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह भारतीयों को सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेगा. भारत ने कहा है कि मामला कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाया जाएगा.