छत्तीसगढ़

कौन हैं फिलीस्तीन के नेल्सन मंडेला मारवान बरघौती? जिनकी एक आवाज से गाजा में हो जाए युद्ध विराम…

नईदिल्ली : दुनिया गवाह रही है की जब-जब किसी देश को अपनी आजादी के लिए लड़ते हुए देखा गया है, तब-तब कई ऐसे लोग भी केंद्र में आए जिन्हें एक पक्ष ने हीरो और दूसरे ने आतंकवादी माना है.आप किसी भी देश का उदाहरण देख सकते है. अमेरिका से लेकर जर्मनी और भारत तक, कई ऐसे नाम आपको अपनी खोज में मिल जाएंगे, जो किसी के लिए स्वतंत्रता सेनानी, तो किसी के लिए आतंकवादी रहे.

शायद ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि युद्ध दो देशों के बीच नहीं बल्कि दो नजरिए के बीच होता है. एक युद्ध इसी तरह से लड़ा जा रहा है, जो एक तरफ किसी देश की आजादी के लिए हो रहा है तो दूसरी तरफ दूसरे देश के लिए उसकी वर्चस्व की लड़ाई है. और इसी लड़ाई में एक ऐसे शख्स का नाम अब सामने आ रहा है, जिसको एक देश हीरो और दूसरा देश आतंकवादी मानता है.

इजराइल-हमास युद्ध में पल-पल कुछ नया निकलकर सामने आ रहा है. फिर चाहे वो दिल दहला देने वाली कहानियां हो, या फिर हर तरफ से बरसते बम और तबाह होते शहर. हमास ने इजराइल के सामने अब एक ऐसी शर्त रख दी है, जिसने इसराइल ही नहीं बल्कि दुनिया को भी सकते में डाल दिया है.

फिलिस्तीन के नेल्सन मंडेला

नेल्सन मंडेला, ये नाम दुनिया में शांति चाहने वालों के बीच किसी नजीर की तरह है. नेल्सन मंडेला ने अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए रंगभेद के खिलाफ एक लंबी जंग लड़ी. 27 साल तक जिस देश की जेल में वो कैद रहे उसी देश के सर्वोच्च पद पर वो आसीन हुए, लेकिन साउथ अफ्रीका के ‘गांधी’ का नाम हमास और इसराइल युद्ध में इसलिए सामने आ रहा है, क्योंकि, हमास ने इसराइल से फिलिस्तीन के नेल्सन मंडेला को रिहा करने के लिए कहा है. जी हां फिलिस्तीन के नेल्सन मंडेला, नाम मारवान बरघौटी है.

कौन है मारवान बरघौटी?

इतिहास के पन्नों को खंगालेंगे तो आप पाएंगे की बरघौटी एक फिलिस्तीनी राजनीतिक व्यक्ति हैं, जिसे इजराइली अदालत ने हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए जेल में डाल दिया है और इजराइल की नजरों में ये शख्स एक आतंकवादी है. बरघौटी पिछले कई साल से इजराइल की जेल में बंद है. बरघौटी, फतह केंद्रीय समिति और फिलिस्तीनी विधान परिषद के सदस्य हैं, जिन्हें फतह के एक उग्रवादी गुट तंजीम के पूर्व नेता की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें पांच बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है.

हमास की अजीब शर्त

हमास ने इजराइली बंधकों के बदले वहां की जेल में बंद सभी कैदियों की रिहाई की मांग की है, जिसमें बरघौटी का भी जिक्र है. यानी हमास ने इजराइली बंधकों की रिहाई के बदले सभी इजराइली जेलों को खाली करने की मांग की है.

दूसरे इंतिफादा का नायक बरघौटी?

6 जून 1959 को वैस्ट बैंक के कोबर गांव में मारवान का जन्म हुआ. वो बरघौटी कबीले से आते हैं, बरघौटी 15 साल की उम्र में फतह में शामिल हो गए, और वो वेस्ट बैंक पर फतह युवा आंदोलन के सह-संस्थापक थे. बरघौटी 1987 में वेस्ट बैंक के फर्स्ट इंतिफादा के प्रमुख नेताओं में से एक बन गए, जिन्होंने इजराइली कब्जे के खिलाफ बड़े पैमाने पर विद्रोह में फिलिस्तीनियों का नेतृत्व किया.

फिर आया साल 2000, दूसरा इंतिफादा शुरू हुआ. बरघौटी फतह सशस्त्र शाखा, तंजीम के नेता के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो गए, जिसे इजराइल रक्षा बलों के खिलाफ लड़ने वाली प्रमुख ताकतों में से एक के रूप में देखा जाता है. वो अपने भाषणों और तेज तर्रार रवैये की वजह से युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हो गए थे. इतना की उनको दूसरे इंतिफादा का नायक कहा जाने लगा.