रायपुर। वादा पूरा ना होने पर कर्मचारी कांग्रेस से नाराज चल रहे है. छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने पत्र जारी कर बीजेपी को समर्थन दिया है. साथ ही अनियमित कर्मचारियों ने विधानसभावार अनुमानित संख्या भी जारी की है.
छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने पत्र के जरिए कहा, विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस पार्टी ने अपने जन घोषणा पत्र में हमसे नियमितिकरण, आउटसोर्सिंग पूर्णता बंद और छटनी ना करने का वादा किया था. पूरे 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी हमें अनियमित कर्मचारियों का नियमितिकरण नहीं हुआ, ना हमारे 20,000 से अधिक नौकरी से निकाले गये साथियों की बहाली हुई और ना ही शासकीय विभागों से आउटसोर्सिंग पूर्णता बंद हुआ. उल्टे हम कर्मचारियों को पिछले 5 साल से लगातार प्रताड़ित होना पड़ा. वेतन के लाले पड़े, सेवा वृद्धि रोका गया, हमारे साथियों को पुलिस के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया.
एफआईआर दर्ज करवा कर जबरदस्ती कोर्ट में घसीटा गया है. निर्दोष अनियमित कर्मचारी साथियों को सेंट्रल जेल रायपुर भेज अत्याचार करने का दुष्कर्म इस कांग्रेस पार्टी की सरकार ने किया है, ताकि कर्मचारियों की आवाज को कुचला जा सके.
वर्तमान में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र (मोदी की गारंटी) में अनियमित कर्मचारियों के लिए 100 दिन के अंदर कमेटी बनाकर चरणबद्ध तरीके से नियमितीकरण करने और उस कमेटी में अनियमित कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी को सदस्य बनाने की बात कह रही है. पहले भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने वर्ष 2008 में 40000 दैनिक वेतन भोगियों को नियमित किया था और 1,60,000 शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया है.