छत्तीसगढ़

सवर्णों में कायस्थ की कमाई सबसे अधिक, ओबीसी में ये जाति धनवान, आर्थिक रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

पटना। सामान्य वर्ग में प्रति माह 50 हजार रुपये से अधिक की कमाई करने वालों में कायस्थ जाति के परिवारों की संख्या सबसे अधिक है। आंकड़े के अनुसार, कायस्थों में 24.48 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं, जिनकी प्रतिमाह की आमदनी 50 हजार रुपये से अधिक है। परिवारों की यह संख्या 41, 853 है।

सामान्य वर्ग की जातियों में 50 हजार रुपये से अधिक की मासिक आय वालों में भूमिहार जाति दूसरे नंबर पर है। भूमिहारों का यह प्रतिशत 13.97 है। ऐसे परिवारों की संख्या 1,17112 है। तीसरे नंबर पर राजपूत जाति है। इस जाति के 11.24 प्रतिशत यानी 1, 07,182 परिवार प्रति माह 50 हजार रुपये से अधिक कमाते हैं।

ब्राह्मण जाति चौथे स्थान पर

ब्राह्मण जाति चौथे स्थान पर। इस जाति के 10.57 प्रतिशत यानी 1,13, 805 परिवार प्रति माह 50 हजार रुपये से अधिक कमा लेते हैं। अगड़ी जाति के मुसलमानों में सैयद वर्ग के 11.84 प्रतिशत परिवार प्रतिमाह 50 हजार रुपये से अधिक, पठान में 4.94 तथा शेख में 2.94 प्रतिशत परिवार इस श्रेणी में हैं, जिनकी मासिक आय 50 हजार से अधिक है।

सामान्य वर्ग में 20 हजार से 50 हजार तक प्रति माह कमा लेने वालों में भी 24. 41 प्रतिशत परिवारों के साथ कायस्थ जाति आगे है। वहीं, राजपूत और भूमिहार जाति 19.05 तथा 19.06 प्रतिशत परिवार के साथ आसपास है। वहीं 18.33 प्रतिशत के साथ ब्राह्मण जाति चौथे नंबर पर है। इस श्रेणी में मुस्लिमों में सैयद 19.97, पठान 15.17 व शेख परिवारों की संख्या 10.80 प्रतिशत है।

पिछड़ा वर्ग में 50 हजार से अधिक की मासिक आय वालों में कुर्मी और वैश्य समाज समान

पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल जातियों की आर्थिक स्थिति के संबंध में यह रिपोर्ट है कि कुर्मी और वैश्य वर्ग से जुड़े 7.80 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं, जिनकी मासिक आय प्रति माह 50 हजार रुपये से अधिक है। यादवों में यह संख्या 3.20 तथा कुशवाहा में 4.30 प्रतिशत है। सबसे अधिक 11.99 प्रतिशत आबादी इस श्रेणी में भाट, ब्रह्मभट्ट व राजभट्ट जाति की है।

मुस्लिमों में इस श्रेणी में 10 प्रतिशत के साथ मलिक हैं। वैश्य वर्ग में बनिया, सूढ़ी, मोदक, रौनियार, पंसारी, मोदी, कसेरा, केसरवानी, ठठेरा, कलवार, कमलापुरी वैश्य, माहुरी वैश्य, बंगी वैश्य, बर्णवाल, अग्रहरी वैश्य, पोद्दार आदि हैं। पिछड़ा वर्ग की मुस्लिम जातियों के बारे में यह रिपोर्ट है कि इस वर्ग में 1.40 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं जिनकी मासिक आय 50 हजार रुपये से अधिक है।

सोनार जाति में 50 हजार से अधिक की मासिक आय वाले 4.92 प्रतिशत हैं। अनुसूचित जाति में 50 हजार से अधिक मासिक आमदनी वालों की संख्या काफी कम है। इनमें धोबी जाति 4.42 प्रतिशत के साथ सबसे आगे हैं। दूसरे नंबर पर 3.43 प्रतिशत के साथ पासी जाति तथा तीसरे नंबर पर 2.13 प्रतिशत के साथ दुसाध, धारी व धरही जाति है।