नईदिल्ली : सवाल के बदले पैसे लेने के आरोप के मामले में गुरुवार (9 नवंबर) को एथिक्स कमेटी बड़ा फैसला ले सकती है. सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कमेटी गुरुवार की बैठक के बाद सिफारिश कर सकती है. आचरण समिति लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म करने के लिए कह सकती है.
कमेटी मोइत्रा के आचरण के ख़िलाफ बहुमत के आधार पर रिपोर्ट अडॉप्ट कर सिफारिश करेगी. फिर सिफारिश को लोकसभा स्पीकर के सचिवालय को भेजी जाएगी. इसके बाद सदस्यता रद्द करने के लिए आगे की कार्रवाई होगी.
दरअसल, बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति मामले की जांच कर रही है. कमेटी की पिछली बैठक गुरुवार (2 नवंबर) को हुई थी. मोइत्रा ने बैठक के बाद आरोप लगाया था कि उनका वस्त्रहरण किया गया.
वहीं पूरे मामले को लेकर निशिकांत दुबे ने सीबीआई जांच की बात की तो मोइत्रा ने भी पलटवार करते हुए निशाना साधा.
सीबीआई के पास गया मामला
निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ”लोकपाल ने मेरी शिकायत पर, राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने की आरोपी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ आज सीबीआई जांच का आदेश दिया.’’ हालांकि लोकपाल की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
महुआ मोइत्रा ने कसा तंज
मोइत्रा ने तंज करते हुए कहा कि यह जानकर बहुत खुशी हुई कि पीएम मोदी का लोकपाल अस्तित्व में है. उन्होंने कहा कि लोकपाल कार्यालय के लिए ऐसी महत्वपूर्ण घोषणाओं को आउटसोर्स करना अपमानजनक है. मोइत्रा ने आगे कहा, ‘‘लोकपाल अभी जिंदा है.’’
महुआ मोइत्रा सीबीआई को लेकर क्या बोलीं?
मोइत्रा ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, ”मीडिया जो मेरा उत्तर जानने के लिए फोन कर रहे हैं. उनसे कहना है कि सीबीआई को 13 हजार करोड़ रुपये के अडानी कोल स्कैम मामले में पहले एफआईआर दर्ज करनी होगी”
मोइत्रा ने आगे कहा, ”राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा यह है कि कैसे संदिग्ध एफपीआई स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात सहित) अडानी कंपनियां भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीद रही है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सीबीआई आपका स्वागत है. आओ और मेरे जूती गिनो.”
कांग्रेस क्या बोली?
कांग्रेस सांसद और आचार समिति के सदस्य उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि वो गुरुवार को होने वाली बैठक में मौजूद नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा, ” एथिक्स कमेटी की बैठक 7 नवंबर को होन थी. मैंने इसमें जाने की हामी भरी, लेकिन आखिरी मिनट में बैठक की तारीख नौ नवंबर कर दी गई. मैं नौ नवंबर को तेलंगाना विधानसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल करूंगा. इस कारण मैं बैठक में शामिल नहीं रहूंगा.”
पिछली बैठक में क्या हुआ?
एथिक्स कमेटी की 2 नवंबर को हुई मीटिंग में महुआ मोइत्रा और विपक्षी सांसद बीच से ही बाहर आ गए. उन्होंने आरोप लगाए कि निजी सवाल किए गए.
कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने विपक्षी सांसदों के दावों को खारिज करते हुए कहा था कि यह सब मोइत्रा को बचाने के लिए किया गया.
मामला क्या है?
हाल ही निशिकांत दूबे ने आरोप लगाया था कि संसद में सवाल करने के लिए मोइत्रा ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए हैं. इस कारण ही मोइत्रा के ज्यादा सवाल अडानी ग्रुप से जुड़े हुए थे.
दुबे के इस दावे के बाद दर्शन हीरानंदानी ने यह बात स्वीकार करते हुए कहा कि हां, उन्होंने मोइत्रा को पैसे और महंगे गिफ्ट दिए हैं. मोइत्रा ने अडानी ग्रुप के मामले में पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए सवाल किए.
इन आरोपों को खारिज करते हुए मोइत्रा ने कहा है कि दवाब में हीरानंदानी बोल रहे हैं