नईदिल्ली : अफगानिस्तान के खिलाफ ग्लेन मैक्सवेल ने 128 गेंदों पर 201 रन बना डाले. उन्होंने अपनी पारी में 21 चौके और 10 छक्के जड़े. क्रिकेट दिग्गजों के अलावा फैंस का कहना है कि ग्लेन मैक्सवेल ने वर्ल्ड कप इतिहास की सबसे महान पारी खेली. जिस तरह ग्लेन मैक्सवेल ने महज एक पैरों पर दोहरा शतक बना दिया, वह काबिलेतारीफ है.
रनों का पीछा करते हुए दोहरा शतक
दरअसल, वनडे क्रिकेट इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी बल्लेबाज ने रनों का पीछा करते हुए दोहरा शतक लगाया. अफगानिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 293 रनों का लक्ष्य रखा था. ऑस्ट्रेलियाई टीम 91 रनों पर 7 विकेट गवांकर संघर्ष कर रही थी, लेकिन इसके बाद ग्लेन मैक्सवेल के तूफान ने ऑस्ट्रेलिया को जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया. हालांकि, इससे पहले कई बार वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजों ने दोहरा शतक लगाया. लेकिन यह पहला मौका था जब किसी बल्लेबाज ने रनों का पीछा करते हुए यह कारनामा किया.
तय नजर आ रही थी ऑस्ट्रेलिया की हार, लेकिन फिर…
एक वक्त ऐसा लग रहा था कि कंगारूओं की हार तकरीबन तय है. ऑस्ट्रेलिया के 7 बल्लेबाज 91 रनों तक पवैलियन लौट चुके थे. जबकि ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 293 रनों का लक्ष्य था. एक छोड़ पर लगातार विकेट गिर रहे थे, लेकिन दूसरे छोड़ को ग्लेन मैक्सवेल ने मजबूती से थामे रखा. ग्लेन मैक्सवेल और पैट कमिंस के बीच 202 रनों की पार्टनरशिप हुई, जिसमें पैट कमिंस का योगदान महज 12 रन रहा. इस तरह ग्लेन मैक्सवेल ने अकेले दम पर ऑस्ट्रेलियाई टीम को जीत की दहलीज तर पहुंचा दिया.
क्रैंप से जूझते रहे, लेकिन अफगान गेंदबाजों के छक्के छुड़ाते रहे…
ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज लगातार पवैलियन लौट रहे थे. ग्लेन मैक्सवेल जरूर क्रीज पर थे, लेकिन वह क्रैंप से जूझ रहे थे. ग्लेन मैक्सवेल ने क्रैंप को आड़े आने नहीं दिया. इस खिलाड़ी ने क्रैंप के बावजूद अफगानी गेंदबाजों के छक्के छुड़ा दिए. दरअसल, कई बार ऐसे मौके आए, जब लगा कि ग्लेन मैक्सवेल मैदान छोड़कर जा सकते हैं, लेकिन उन्होंने गजब का साहस दिखाया और क्रीज पर बने रहे. ग्लेन मैक्सवेल ने 21 चौके और 10 छक्के जड़ ऑस्ट्रेलिया को यादगार जीत दिला दी.