दुर्ग। जिले की पाटन विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री भूपेश व सांसद भतीजे की आमने-सामने की लड़ाई में कूदे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जोगी (जेसीसीजे) के कर्ताधर्ता अमित जोगी ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।
प्रदेश की सबसे हॉट सीट की चर्चा हर जगह है पर स्थानीय जनता असमंजस में है कि कक्का को चुनें या भतीजे को? असमंजस यह कि कक्का जीते तो सरकार बनने पर मुख्यमंत्री बनेंगे पर भतीजे का क्या? वहीं, अमित जोगी के यहां से मैदान में उतरने की चर्चा तो खूब है पर उनकी पार्टी की सरकार बनाने की लड़ाई में असरदार भूमिका न होने से जनता में विशेष दिलचस्पी नहीं।
पाटन सीट से सीएम भूपेश बघेल के सामने भाजपा के टिकट पर दुर्ग के सांसद विजय बघेल हैं। विजय रिश्ते में भूपेश के भतीजे हैं। दो दिन पहले पत्रकारों ने भूपेश से जब यह पूछा कि कक्का-भतीजे में भारी कौन? इस पर उनका जवाब था, रिश्ते में तो हम बाप लगते हैं… यह जवाब इन दिनों खूब वायरल हो रहा है। दोनों यहां से चौथी बार आमने-सामने हैं।
इससे पहले हुए तीन मुकाबलों में से दो भूपेश और एक विजय जीत चुके हैं। भूपेश पहली बार वर्ष 1993 में इसी सीट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद से लगातार यहीं से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। इस बार वह यहां से सातवीं बार मैदान में हैं।
घोषणाओं पर अमल नहीं भतीजा दे रहा टक्कर
पान दुकान पर मिले किसान नरेश पटेल मानते हैं कि भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल अपने कक्का को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। उनके अनुसार, सीएम की ओर से की गईं तमाम घोषणाओं पर अमल न होने से यह स्थिति बनी है। यह पूछने पर कि अमित जोगी यहां के चुनाव को कितना प्रभावित करेंगे तो उनका कहना था, क्षेत्र में वह न कभी सक्रिय रहे और न ही उनकी पार्टी का कोई एजेंडा है। ऐसे में वह अधिक से अधिक सतनामी समाज के वोट ही अपने पाले में ला सकेंगे।
कांग्रेस के मुरीद, पर जोगी के जिक्र से चिंतित
पाटन कस्बे के मुख्यमार्ग स्थित चाय की दुकान पर चल रही चुनावी चर्चा में शामिल संजीव वर्मा कांग्रेस की शान में कसीदे पढ़ रहे थे। यह पूछने पर कि भ्रष्टाचार, घोटालों से घिरी सरकार कितनी चलेगी? उनका कहना था, यह सब भाजपा की देन है। हालांकि, अमित जोगी के जिक्र पर वह थोड़े चिंतित होते हैं। कहा, क्षेत्र में सतनामी समाज का अधिकतर वोट कांग्रेस के पाले में रहता है। अमित यदि एकतरफा वोट बटोर ले गए तो किसका खेल बिगड़ेगा, इसका अंदाजा नहीं लगा सकते।