छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: ऑनलाइन सट्टा ऐप मामले में असीम और भीम की आज पेशी, दोनों का और रिमांड मांग सकती है ED

रायपुर। महादेव सट्टा ऐप मामले में ईडी की रिमांड पर चल रहे असीम दास और कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव को रायपुर की विशेष अदालत में शुक्रवार को पेश किया जाएगा। 2 नवंबर को ईडी ने असीम दास से 5.39 करोड़ रुपए बरामद करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था। तब से वो ​ईडी की रिमांड पर है।

असीम दास और उसके साथी कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव को ED ने 3 नवंबर की शाम 5 बजे रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया था। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद ने कोर्ट ने उन्हें 7 दिन की ED की रिमांड पर भेजा था। रिमांड अवधि पूरी होने के बाद फिर से उन्हें विशेष न्यायधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में पेश किया जाएगा।

असीम दास पेशे से ड्राइवर है और ऑनलाइन सट्टा ऐप चलाता है। ED को आशंका है कि उसके घर से मिला पैसा ऑनलाइन सट्टा ऐप का है जिसे चुनाव में खर्च करने के लिए रखा गया था। 2 नवंबर को ईडी के अधिकारी कार्रवाई के लिए असीम दास के घर का ताला तोड़कर मकान में घुसे थे। इसके साथ ही रायपुर की एक होटल से असीम दास को गिरफ्तार किया गया था। कार्रवाई करते हुए होटल के कमरे और गाड़ी से 3.12 करोड़ रुपए जब्त किए गए थे।

ED के वकील ने कहा कि भीम सिंह यादव सुपेला पुलिस में कॉन्स्टेबल है। जानकारी मिली थी कि वह 3 बार दुबई गया था। 2 यात्राओं में वह महादेव ऐप के प्रमोटर्स से भी मिला। उसकी बुकिंग भी इन लोगों ने ही कराई थी। इसके अलावा जो पैसा आया है वह भी इलेक्शन के समय में पॉलिटिकल पार्टी को डिस्ट्रिब्यूट हो रहा था।

छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पंप ऑपरेटर का काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही ‘जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हो गई।


2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई। हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी। सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान ही थी। उसका दोस्त रवि उप्पल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था।

2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उत्पल को भी दुबई बुलवा लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था। इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और ऐप बनाया। इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया।

सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए दो रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा- सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया।

महादेव बुक’ नाम के इस ऐप से कुछ ही महीनों के भीतर 12 लाख से अधिक लोग जुड़ गए। इसने जुड़ने वालों में सबसे ज्यादा लोग छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे। क्रिकेट से लेकर चुनाव तक में सट्टा लगाने के लिए लोग इस ऐप का इस्तेमाल करते थे। इसके यूजर्स इस ऐप के इस्तेमाल के लिए अलग से बैंक अकाउंट तक खुलवाने लगे थे।

कोरोना महामारी और इसके बाद ‘महादेव ऐप’ का कारोबार तेज रफ्तार से आगे बढ़ा। 2021 में कोरोना की वजह से बिना दर्शकों के IPL का आयोजन हुआ। उस वक्त महादेव ऐप के जरिए 2 हजार करोड़ से ज्यादा की सट्टेबाजी हुई थी। महादेव बुक ऑनलाइन कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि फिलहाल 99 लाख से ज्यादा लोग उसके साथ जुड़े हैं।