छत्तीसगढ़

Chhath Puja: जानें कब से शुरू हो रहा है छठ पूजा का पर्व, सूर्य से है छठी मैया का ये सीधा कनेक्शन

Preparations for Chhath Puja begin in haldwani

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से सप्तमी तक सूर्य आराधना का पर्व है। दीवाली के बाद छठ पर्व को लेकर पूर्वी समाज की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। पर्व की शुरुआत 17 नवंबर को नहाए-खाए से होगी। 18 को खरना और 19 को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 20 को एक बार फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व का समापन होगा। इस दौरान व्रत रखने वाले 36 घंटे निर्जल रहते हैं। 

पहले दिन चतुर्थी में 17 नवंबर को शुद्धिकरण के बाद सभी नए वस्त्र धारण करेंगे। शाम को नमक वाला भोजन गृहण करेंगे। 18 नवंबर को पंचमी के दिन शाम को सूर्यास्त के बाद खरना में मीठी खीर का भोग लगाएंगे और इसी खीर को प्रसाद के तौर पर बांटा जाएगा।   

प्रसाद को गृहण करने के बाद व्रत रहने वाले 36 घंटे का लंबा निर्जला व्रत रहेंगे। 19 नवंबर की शाम षष्ठी के दिन सूर्यास्त के समय छठ पूजन स्थल पर पानी में खड़े होकर डूबते सूरज को सामूहिक रूप से अर्घ्य दिया जाएगा। 20 नवंबर की सुबह उगते सूरज को अर्घ्य देकर पर्व का समापन होगा।  

संतान सुख के लिए मनाते हैं पर्व  
छठ पर्व मुख्य रूप से संतान सुख प्रदान करने के लिए मनाया जाता है। माना जाता है कि सूर्य की बहन षष्ठी देवी नवजात बच्चों की रक्षा करती है, इसलिए माताएं इस पर्व को अपनी संतान की लंबी उम्र और उन्नति के लिए रखती हैं। पर्व का संबंध सीधे सूर्य से भी है, क्योंकि सूर्य की प्रसन्नता सृष्टि को बनाए रखने के लिए जरूरी है, इसलिए छठ पर्व पर सूर्य की पूजा की जाती है।