छत्तीसगढ़

यमन में भारतीय नर्स पर लटकी फांसी की तलवार, मां ने की हाईकोर्ट से गुजारिश- हमें उसे बचाने जाने दें…

नईदिल्ली : : यमन में एक भारतीय नर्स को मौत की सजा मिली है. नर्स निमिषा प्रिया पर आरोप है कि उन्होंने एक यमनी नागरिक की हत्या की है. वहीं, निमिषा को बचाने के लिए उनकी मां ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने कहा है कि वह अपनी बेटी को बचाने के लिए ‘ब्लड मनी’ या कहें मुआवजा लेकर यमन जाना चाहती हैं. ऐसा करने के लिए उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से इजाजत मिलनी चाहिए. 

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को एक हफ्ते के भीतर निमिषा की मां की याचिका पर फैसला लेने को कहा है. निमिषा प्रिया खाड़ी के इस देश में नर्स के तौर पर काम कर रही थीं. उन पर आरोप है कि उन्होंने एक नागरिक की हत्या की है. निमिषा की मां की याचिका हाईकोर्ट में ऐसे समय पर दायर की गई है, जब 13 नवंबर को यमन की सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय नर्स की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने फांसी की सजा को हटाने के लिए गुहार लगाई थी. 

क्यों नहीं जा पा रही हैं यमन?

इस साल की शुरुआत में निमिषा की मां हाईकोर्ट पहुंची थीं, जहां उन्होंने यमन की यात्रा करने के लिए इजाजत देने की मांग की थी. भारतीय नागरिकों को यमन की यात्रा करने पर पाबंदी लगाई गई है. अपनी याचिका में निमिषा की मां ने अदालत से कहा था कि वह ‘ब्लड मनी’ (पीड़ित के परिवार को आरोपी के जरिए दिया जाने वाला पैसा) देकर अपनी बेटी की जान बचाना चाहती हैं. सरकार को उन्हें ऐसा करने के लिए यमन जाने की इजाजत देनी चाहिए. 

वकील सुभाष चंद्रन केआर के जरिए अदालत में पेश हुईं निमिषा की मां ने बताया कि उनके पास अपनी बेटी को फांसी से बचाने का एकमात्र तरीका मृतक के परिवार को पैसे देकर बातचीत करना है. इसके लिए वह यमन की यात्रा करना चाहती हैं, लेकिन ट्रैवल बैन के चलते वह ऐसा नहीं कर पा रही हैं. वहीं, केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि ट्रैवल बैन में ढील दी जा सकती है. भारतीय नागरिकों को कुछ खास वजहों और समय के लिए यमन जाने की इजाजत मिल सकती है.

क्या है पूरा मामला? 

दरअसल, निमिषा प्रिया यमन में नर्स के तौर पर काम करने के लिए गई थीं. मगर यहां उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने यमनी नागरिक तलाल अब्दो माहदी की हत्या की है. माहदी की मौत जुलाई 2017 में हुई थी. निमिषा ने माहदी से अपना पासपोर्ट हासिल करने के लिए उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था. उन्हें लगा था कि एक बार जब वह बेहोश हो जाएगा, तो वह अपना पासपोर्ट लेकर भाग जाएंगी. लेकिन ओवरडोज की वजह से माहदी की मौत हो गई.