नईदिल्ली : भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पांच टी20 मैचों की सीरीज के आखिरी मुकाबले में छह रन से हरा दिया। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने सीरीज को 4-1 से अपने नाम कर लिया। उसने विशाखापट्टनम में दो विकेट और तिरुवनंतपुरम में 44 रन से जीत हासिल की थी। इसके बाद गुवाहाटी में ऑस्ट्रेलिया पांच विकेट से जीता था। भारत ने फिर वापसी की और आखिरी दो मैचों को अपने नाम कर लिया। उसने ऑस्ट्रेलिया को रायपुर में 20 और अब बंगलूरू में छह रन से हराया।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को टी20 में 19वीं बार हराया है। एक टीम के खिलाफ भारत की यह संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा जीत है। उसने श्रीलंका और वेस्टइंडीज के खिलाफ भी टी20 में 19-19 जीत हासिल की है। एक टीम के खिलाफ सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम है। उसने न्यूजीलैंड को 20 बार हराया है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रनों के हिसाब से भारत की सबसे छोटी जीत
साल | जगह | जीत का अंतर |
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2023 | बंगलूरू | छह रन |
2020 | कैनबरा | 11 रन |
2007 | डरबन | 15 रन |
ऑस्ट्रेलिया को जीत नहीं दिला सके मैकडरमॉट और वेड
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान मैथ्यू वेड ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। भारत ने 20 ओवर में आठ विकेट पर 160 रन बनाए। जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम 20 ओवर में आठ विकेट पर 154 रन ही बना सकी। उसके लिए बेन मैकडरमॉट ने सबसे ज्यादा 54 रन बनाए, लेकिन वह टीम को जीत नहीं दिला सके। ट्रेविस हेड ने 28 और मैथ्यू वेड ने 22 रन बनाए। टिम डेविड 17 और मैथ्यू शॉर्ट 16 रन बनाकर आउट हुए। एरॉन हार्डी छह और जोश फिलिप चार रन ही बना सके। भारत के लिए मुकेश कुमार ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। अर्शदीप सिंह और रवि बिश्नोई को दो-दो सफलता मिली। अक्षर पटेल ने एक विकेट लिया।
आखिरी ओवर का रोमांच
अर्शदीप सिंह ने शानदार गेंदबाजी करते हुए आखिरी ओवर में 10 रन बचा लिए। उन्होंने टीम इंडिया को छह रन से जीत दिलाई। अर्शदीप ने 20वें ओवर में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मैथ्यू वेड को आउट कर भारत की जीत पक्की कर दी थी। उन्होंने पहली और दूसरी गेंद पर वेड को रन नहीं बनाने दिया। तीसरी गेंद पर उन्हें आउट कर दिया। चौथी गेंद पर जेसन बेहरेनडॉर्फ एक रन ही ले सके। अब दो गेंद पर ऑस्ट्रेलिया को नौ रन बनाने थे। नाथन एलिस ने पांचवीं गेंद पर एक रन लिया। उनके बाद आखिरी गेंद पर बेहरेनडॉर्फ ने भी एक ही रन लिया। इस तरह टीम इंडिया छह रन से मैच जीत गई।
भारत को लगे शुरुआती झटके, पावरप्ले में गिरे दो विकेट
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान मैथ्यू वेड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। उनका यह फैसला गेंदबाजों ने सही साबित करते हुए मेजबान टीम को शुरुआती झटके दे दिए। भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही और पावरप्ले के शुरुआती छह ओवर में दो झटके लगे। दोनों सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (21) और ऋतुराज गायकवाड़ (10) पवेलियन लौट गए। यशस्वी छक्का मारने के प्रयास में जेसन बेहरेनडॉर्फ की गेंद पर लेग साइड में एलिस को कैच दे बैठे। 33 रन पर टीम पहला विकेट गंवा चुकी थी। इसके बाद इस सीरीज में शतक जड़ चुके ऋतुराज भी बेन डॉरसिस की गेंद पर बेहरेनडॉर्फ को कैच दे दिया।
13 रन के अंतराल में गिरे तीन विकेट
33 रन पर भारत के दो विकेट गिर गए थे। इसके बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव भी पवेलियन लौट गए। वह पिछले मैच में भी एक रन ही बना पाए थे। दक्षिण अफ्रीका के आगामी दौरे को देखते हएु उनका खराब फॉर्म में होना चिंता का विषय है। 46 रन पर तीसरा विकेट गिरने के साथ भारत ने तीन विकेट 13 रन के अंतराल पर खो दिए। 6.5 ओवर के बाद रिंकू मैदान पर आए।
रिंकू ने किया निराश, मौके का नहीं उठा पाए फायदा
आक्रामक बल्लेबाजी के लिए सुर्खियां बटोरने वाले अलीगढ़ के रिंकू सिंह (06) के पास इस मैच में बड़ी पारी खेलने का मौका था, लेकिन संघा ने उनके धैर्य की परीक्षा लेते हुए अपनी फिरकी में फंसा लिया। वह चौका मारने के प्रयास में डेविड को कैच थमा बैठे।
अय्यर ने खेली शानदार पारी
जितेश शर्मा ने आते ही अपने हाथ खोले और संघा की गेंद पर ऑफ साइड में शानदार चौका लगा दिया। फिर उन्होंने संघा के ओवर में ही लेग साइड पर छक्का लगाकर टभ्म के स्कोर बोर्ड को चलाते रहे। वहीं, श्रेयस अय्यर एक छोर पर टिके रहे और खराब गेंदों को सीमा रेखा के पार पहुंचाने में लगे रहे। वह पिछले मैच में 8 रन पर ही आउट हो गए थे। इस बीच, हार्डी ने जितेश (24) को अपने जाल में फंसाया और उनका कैच शॉर्ट ने लपक लिया। दोनों के बीच 24 गेंदों में 42 रन की अहम साझेदारी की। इसके बाद अय्यर ने अक्षर पटेल के साथ साझेदारी निभाई। उन्होंने पारी के 17वें ओवर में बेन की गेंद पर ऑफ साइड पर चौका लगा दिया। अय्यर 53 और अक्षर 31 रन बनाकर आउट हुए। दोनों ने टीम को 160 रन के स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।