नईदिल्ली : एस श्रीसंत और गौतम गंभीर के बीच लीजेंड्स लीग क्रिकेट 2023 में मैदान पर जुबानी जंग देखने को मिली थी. बात जब आगे बढ़ी, तो श्रीसंत ने बताया कि गंभीर मैदान पर उन्हें बार-बार ‘फिक्सर’ कहकर बुला रहे थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गंभीर ने श्रीसंत को फिक्सर क्यों बोला? दरअसल, 2013 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने श्रीसंत पर मैच फिक्सिंग से जुड़े मामले में आजीवन का बैन लगा दिया था. तो आइए जानते हैं क्या है पूरा माजरा.
आईपीएल 2013 में 9 मई को पंजाब के खिलाफ खेले गए मुकाबले में श्रीसंत पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था, जिसके बाद 16 मई को दिल्ली पुलिस ने श्रीसंत को बाकी खिलाड़ी अजीत चंदीला और अंकित चौहान के साथ गिरफ्तार किया था. दिल्ली के पास मामले से जुड़ी ऑडियो रिकॉर्डिंग थीं, जो श्रीसंत को आरोपी बना रही थीं.
रिकॉर्डिंग के मुताबिक श्रीसंत को अपने ओवर में 14 रन खर्च करने थे और उन्हें ओवर डालने से पहले बुकीज को वॉर्मअप कर या अपने लोवर में तौलिया लगाकर इशारा देना था. मुकाबले के दूसरे ओवर में श्रीसंत ने 13 खर्चे. लेकिन श्रीसंत और बाकियों के खिलाफ सबूत न होने के कारण दिल्ली की अदालत ने सभी 36 आरोपियों बरी कर दिया था.
कोर्ट से बरी होने के बाद बीसीसीआई ने लगाया था आजीवन बैन
कोर्ट से बरी होने के बाद बीसीसीआई ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था, जिसमें श्रीसंत को सट्टेबाज़ी, भ्रष्टाचार और खेल को बदनाम करने का दोषी पाया था. बुकीज ने श्रीसंत से कॉन्टेक्ट किया था और उन्हें गिफ्ट भी दिया था, लेकिन श्रीसंत ने इसकी सूचना बीसीसीआई को नहीं दी थी, जिसके चलते बीसीसीआई ने उन्हें दोषी पाते हुए उन पर क्रिकेट की किसी भी एक्टिविटी में शामिल होने के लिए आजीवन का बैन लगा दिया था.
सुप्रीम कोर्ट से मिली थी राहत
फिर श्रीसंत ने बीसीसीआई के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती पेश की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में बीसीसीआई से उन पर बैन कम करने के लिए कहा था. कोर्ट की बात के बाद बीसीसीआई ने श्रीसंत पर बैन घटाकर 7 साल का कर दिया था, जो अगस्त, 2020 में पूरा हो गया था.