नईदिल्ली : नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाराजगी का इजहार किया है. उन्होंने मंगलवार (12 दिसंबर) को संसद परिसर में कहा कि जम्मू-कश्मीर जहन्नूम में जाए. उन्होंने यह प्रतिक्रिया पत्रकारों के एक सवाल पर दी.
उन्होंने कहा, ”जम्मू-कश्मीर जहन्नूम में जाए. लोगों के दिल जीतने हैं? कैसे जीतोगे दिल? जब ऐसी-ऐसी चीजें करोगे, जिससे लोग आपसे और दूर जाएं.” हालांकि, बाद में फारूक अब्दुल्ला ने अपने बयान को लेकर मीडिया को सफाई दी.
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा कि कहा कि आप लोग मुझे तंग करते हैं. आप (सरकार) चुनाव क्यों नहीं करवा रहे? आपने स्टेटहुड छीन लिया है. उन्होंने पूछा कि आप कहते हैं कि आतंकवाद खत्म हो गया? क्या अब लोग नहीं मर रहे हैं? फैक्ट्रियां लाने की बात कही थी, कौन सी फैक्ट्री लगी? यह हमारा वतन है और हमारा वतन होकर भी यहां इंसाफ नहीं होगा तो कहेंगे ही कि आप लोगों ने जहन्नूम में पहुंचा दिया है.
जवाहरलाल नेहरू का किया बचाव
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने मंगलवार (12 दिसंबर) को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का बचाव करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के लिए नेहरू जिम्मेदार नहीं थे. अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया उस समय दी है, जब संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर समस्या के लिए नेहरू को दोषी ठहराया था.
‘नेहरू के खिलाफ इतना जहर क्यों?’
अब्दुल्ला ने मीडिया से कहा, “मुझे नहीं पता कि उनके मन में नेहरू के खिलाफ इतना जहर क्यों है. नेहरू जिम्मेदार नहीं हैं. जब अनुच्छेद (370) आया तो सरदार पटेल वहां थे.” पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, “जब कैबिनेट की बैठक हुई, तब नेहरू अमेरिका में थे. जब निर्णय लिया गया तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी मौजूद थे.”
‘हम चाहते हैं कि चुनाव हों’
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक अब्दुल्ला ने फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मामला शुरू से ही उनके हाथ में था. देखते हैं भविष्य में क्या होता है.उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि चुनाव हों. हम उम्मीद कर रहे थे कि अगर सुप्रीम कोर्ट (अनुच्छेद) 370 को हटा देता है, तो वे तुरंत चुनाव कराने के लिए कहेगा, लेकिन अदालत ने सितंबर तक का समय दिया है इसका क्या मतलब है?
सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा केंद्र का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (11 दिसंबर) को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने जल्द से जल्द जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश भी दिया था.