नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले का मास्टरमाइंड ललित झा गुरुवार रात पकड़ा गया। उसने खुद ही दिल्ली पुलिस के सामने समर्पण कर दिया। अब उससे पूछातछ की जा रही है। दरअसल, ललित घटना के बाद से ही फरार चल रहा था। पुलिस ने ललित को मुख्य साजिशकर्ता बताया था। उसकी तलाश में पुलिस राजस्थान समेत कई जगह छापेमारी कर रही थी। इससे पहले पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन ललित के बारे में कहीं कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था।
बिहार का रहने वाला
ललित बिहार का रहने वाला है और कोलकाता में शिक्षक के तौर पर काम करता था। सभी आरोपियों पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने बताया कि ललित स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह से प्रेरित था। उसने कथित तौर पर संसद के बाहर हुए उपद्रव का वीडियो शूट किया और एक एनजीओ को सौंप दिया।
ललित एक एनजीओ का महासचिव भी
कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि एनजीओ नीलाक्ष आइच की ओर से संचालित किया जाता है। ललित इस एनजीओ का महासचिव है। बताया जा रहा है कि उसने यह वीडिया इसलिए भेजे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सुरक्षित हैं।
कुछ साल पहले वह कोलकाता के बड़ाबाजार में अकेले आया था
कोलकाता में ललित को जानने वाले लोगों ने बताया कि वह शांत स्वभाव का व्यक्ति था और वह स्थानीय लड़कों को पढ़ाता था। उसके पड़ोस की चाय की दुकान के मालिक ने बताया कि कुछ साल पहले वह कोलकाता के बड़ाबाजार में अकेले आया था। वह लोगों से ज्यादा मिलता-जुलता नहीं था। दो साल पहले उसने अचानक शहर छोड़ दिया था। हमने टीवी पर उसकी तस्वीर देखी तो उसे पहचाना।
क्या है मामला?
दरअसल, 13 दिसंबर को पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें दो सागर और मनोरंजन ने लोकसभा के अंदर बवाल किया और कलर स्मोक स्प्रे किया। इस वक्त लोकसभा की कार्यवाही चल रही थी। सांसदों ने दोनों को पकड़ा और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया। दो अन्य नीलम देवी और अमोल शिंदे को पास नहीं मिल पाया तो उन्होंने संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए। उन्होंने बाहर लाल और पीले रंग के धुएं को स्प्रे किया।